Last Updated: Wednesday, August 31, 2011, 10:03

खेल मंत्री अजय माकन ने बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाने की मांग की है.
खेल मंत्री ने पूछा बीसीसीआई को डर क्यों लग रहा है. माकन ने कहा, बोर्ड को आरटीआई दायरे में होना चाहिए.
स्पोर्ट्स डेवलपमेंट बिल को कैबिनेट से नामंजूर किए जाने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अजय माकन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई को लपेटे में लिया है.
अजय माकन ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बीसीसीआई समय समय पर सरकार से फायदा लेती है.
उन्होंने स्पोर्ट्स बिल पर क्रिकेट बोर्ड की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि अगर ऐसा है तो आप सरकार से स्टेडियम के लिए मुफ्त जमीन क्यों मांगते हो, करों में छूट क्यों लेते हो.
बीसीसीआई से जुड़े केंद्रीय मंत्रियों ने कैबिनेट में खेल विकास विधेयक का विरोध किया था. इसके तहत सभी खेल संघों को एक खेल मंत्रालय से बने परिसंघ के अधीन करने का प्रावधान है.
साथ ही खेल संघों के अध्यक्षों के चुनाव और उनकी अधिकतम उम्र सीमा का भी जिक्र है. विधेयक अगर पारित हो जाए तो ये खेल संघ सूचना अधिकार कानून के दायरे में भी आ जाएंगे.
लेकिन खेल संघों से जुड़े मंत्रियों ने कैबिनेट में इसका विरोध किया जिसके बाद बिल को नामंजूर कर दिया गया और खेल मंत्रालय से संशोधित विधेयक तैयार करने को कहा गया.
सबसे ज़्यादा विरोध अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संघ यानी आईसीसीआई के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने किया. उन्होंने यहां तक धमकी दी कि अगर बिल मंजूर किया गया तो संसद में वोटिंग के समय उनकी पार्टी अलग फैसला कर सकती है.
अजय माकन ने बीसीसीआई के रवैये का पुरजोर विरोध किया. उन्होंने कहा कि जनता को पूरा हक है कि वह क्रिकेट बोर्ड के खर्चे के बारे में सूचना प्राप्त करे.
First Published: Wednesday, August 31, 2011, 15:58