Last Updated: Tuesday, June 25, 2013, 22:50

नई दिल्ली : भारत की पहली विश्व कप खिताबी जीत के 30वें बरस में इस टीम के कप्तान रहे कपिल देव का मानना है कि लार्डस में उस शाम ने देश में खेल के आयाम को बदल दिया।
कपिल ने मंगलवार को कहा कि हमें लगता है कि 1983 विश्व कप ने हमारे देश में पूरे खेल को ही बदल दिया और भारतीय क्रिकेट को नया आयाम दिया। इस पूर्व कप्तान ने उस समय को याद करते हुए कहा कि हमारी टीम युवा खिलाड़ियों का समूह थी जो टूर्नामेंट का लुत्फ उठाना चाहती थी। पहली जीत के बाद और मजा लाने लगा और हमने सोचना शुरू कर दिया कि और लुत्फ कैसे उठाया जाए। पहले मैच (वेस्टइंडीज के खिलाफ) ने हमें थोड़ी उम्मीद बंधाई। इसके बाद हमारा लक्ष्य शीर्ष चार में जगह बनाना था। इसके बाद प्रत्येक मैच अधिक गंभीर होता गया। कपिल की टीम के अहम सदस्यों में से एक महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने ‘बीसीसीआई टीवी’ से कहा कि अगर आप वेस्टइंडीज के बल्लेबाजी क्रम को देखते हुए 183 रन के स्कोर पर नजर डाले को यह उनके लिए पार्क में चहलकदमी की तरह होने वाला था।
गावस्कर ने कहा कि इस बारे में सोचकर इतने साल बाद भी शरीर में सिहरन होती है। कभी कभी यह विश्वास करना मुश्किल होता है कि हम विश्व चैम्पियन टीम के सदस्य थे। टीम का हिस्सा रहे आलराउंडर रवि शास्त्री ने कहा कि टीम में सबसे युवा खिलाड़ी होने के कारण मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि लार्डस में उस दिन ने मेरा जीवन बदल दिया। जून 25, 1983 ने भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदल दिया। और जब मैं यह कह रहा हूं तो सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों के बारे में नहीं कह रहा। कारपोरेट घराना टीम की मदद के लिए आगे आया और मीडिया ने भारतीय क्रिकेट टीम को वह पहचान देनी शुरू की जिसकी वह हकदार थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 25, 2013, 22:50