CWG घोटाला: सुरेश कलमाडी समेत नौ अन्‍य के खिलाफ आरोप तय

CWG घोटाला: सुरेश कलमाडी समेत नौ अन्‍य के खिलाफ आरोप तय

CWG घोटाला: सुरेश कलमाडी समेत नौ अन्‍य के खिलाफ आरोप तयनई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सरकारी खजाने को 90 करोड़ रूपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने को लेकर राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के बर्खास्‍त अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी तथा नौ अन्य के खिलाफ सोमवार को आरोप तय किए।

इन सभी लोगों पर कथित रूप से धोखाधड़ी, साजिश तथा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने को लेकर आरोप तय किए गए। विशेष न्यायाधीश रविन्दर कौर ने भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए। आरोपियों में आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट भी शामिल हैं।

कलमाडी, महासचिव ललित भनोट व आठ अन्य के खिलाफ अक्टूबर 2010 में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित खेलों से सम्बंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में जालसाजी, धोखाधड़ी तथा साजिश के लिए आरोप तय किए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस कदम का स्वागत किया है। भाजपा ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।

धोखाधड़ी तथा आपराधिक साजिश के अतिरिक्त आरोपियों पर जालसाजी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने , आपराधिक रूप से डराने धमकाने , सबूतों को नष्ट करने तथा लोक सेवकों द्वारा आपराधिक दुराचार जैसे अपराधों में आरोप तय किए गए।

आरोप तय करने के बाद अदालत ने मामले में सबूत दर्ज कराने के लिए 20 फरवरी की तारीख तय कर दी। न्यायाधीश ने कहा कि सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर सबूतों को रिकार्ड करने की कार्यवाही रोजाना के आधार पर होगी।

अदालत ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 201 (सबूत नष्ट करने), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 467, 468, 471 (जालसाजी से सम्बंधित), धारा 506 (आपराधिक धमकी) तथा भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम की धारा 13(1)(डी) व 13(2) (लोकसेवक द्वारा आपराधिक अनाराचार) के तहत आरोप तय करने के आदेश दिए जाते हैं।

कलमाडी व भनोट के अलावा आयोजन समिति के पूर्व महानिदेशक वीके वर्मा, पूर्व निदेशक (प्रोक्यूरमेंट) सुरजीत लाल, पूर्व संयुक्त महानिदेशक (खेल) एएसवी प्रसाद और पूर्व कोषाध्यक्ष एम. जयचंद्रन शामिल हैं।

इसके अलावा दो कंस्ट्रक्शन कम्पनियों-फरीदाबाद की जेम इंटरनेशनल के पीडी आर्या और हैदराबाद की एकेआर कंस्ट्रक्शंस के एके रेड्डी भी इस मामले में आरोपी हैं। इसमें स्विट्जरलैंड की कम्पनी ओमेगा को भी आरोपी बनाया गया है।

सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए गैरकानूनी रूप से टाइमिंग , स्कोरिंग एंड रिजल्ट सिस्टम स्थापित करने के लिए स्विस कंपनी को गैरकानूनी रूप से ठेका दिए जाने का आरोप लगाया था जिससे सरकारी खजाने को 90 करोड़ रूपये से अधिक का नुकसान हुआ।

अदालत ने 21 दिसंबर 2012 को आईपीसी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत कलमाड़ी तथा मामले के नौ अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।

अदालत ने यह भी कहा था कि आयोजन समिति के छह पूर्व अधिकारियों के खिलाफ सरकारी पदों का दुरूपयोग करने के ठोस आरोप लगाए गए हैं । ये पूर्व में लोक सेवक थे ।

इन छह लोगों के अलावा, दो विनिर्माण कंपनियों के दो प्रमोटर, फरीदाबाद स्थित जेम इंटरनेशनल के पी डी आर्या तथा ए के मदान और हैदराबाद स्थित एकेआर कंस्ट्रक्शन के ए के रेड्डी भी इस मामले में आरोपी हैं । इस मामले में स्विस टाइमिंग ओमेगा भी एक आरोपी है ।

अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश देते हुए कहा था कि उचित तरीके से समन दिए जाने के बावजूद स्विस टाइमिंग ओमेगा अदालत में पेश नहीं हो रही है इसलिए उसके मामले की सुनवाई अलग की जाती है । आरोप है कि कंपनी को अनाप शनाप कीमतों पर गैरकानूनी रूप से ठेका दिया गया।

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कलमाड़ी तथा अन्य ने स्पेनिश कंपनी एमएसएल की कहीं अधिक कम कीमत की 62 करोड़ रूपये की निविदा को नामंजूर कर दिया था और स्विस टाइमिंग ओमैगा को ठेका दिया जिससे खजाने को 90 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ।

कलमाड़ी ने हालांकि अदालत में कहा था कि उसने बतौर आयोजन समिति के अध्यक्ष के सौंपे गए काम को किया और पूरी प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं किया। (एजेंसी)

First Published: Monday, February 4, 2013, 10:43

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