ICC नैतिक संहिता: दामाद के लिए कानून नहीं

ICC नैतिक संहिता: दामाद के लिए कानून नहीं

नई दिल्ली : बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को भगवान का शुक्र अदा करना चाहिए कि गुरुनाथ मयप्पन उनका दामाद है, बेटा नहीं। आईसीसी के संविधान में विभिन्न देशों में खेल के संरक्षकों के लिए विस्तृत नैतिक संहिता है।

आईसीसी की नैतिक संहिता में जुए और सट्टेबाजी को लेकर विशिष्ट नियम हैं जिसके अनुसार निदेशक या उसका समकक्ष और उसके परिवार के सदस्य ‘सट्टेबाजी व्यवसाय’ से जुड़ी किसी गतिविधि में संलिप्त नहीं हो सकते लेकिन इस नियम में दामाद का कोई जिक्र नहीं है।

आईसीसी नैतिक संहिता के उपबंध 7.2 (डी) के मुताबिक, ‘यह स्वीकार्य नहीं है और एक निदेशक को संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा अगर उसके परिवार (पति, पत्नी, माता, पिता, भाई, बहन, बेटा या बेटी) के सदस्य का सट्टेबाजी व्यवसाय में हित है, सट्टेबाजी व्यवसाय से ठोस रिश्ता है या सट्टेबाजी व्यवसाय के दैनिक संचालन के लिए वह कर्मचारी की भूमिका निभा रहा है।’ अगर इस नियम के मुताबिक चला जाए तो आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी के आरोप में मयप्पन की गिरफ्तारी को श्रीनिवासन की ओर से आईसीसी संहिता का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता।

श्रीनिवासन से कोलकाता में आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूछा गया कि क्या मयप्पन की गिरफ्तारी से उपबंध 7.2 (डी) का उल्लंघन होता है तो उन्होंने बेमन से जवाब दिया। श्रीनिवासन ने कहा, ‘अगर आप आईसीसी नियमों की बात कर रहे हो तो मुझे इसे स्वयं देखना होगा। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। आप इसे मेरे ध्यान में लाए, हम इसे देखेंगे और इसका विश्लेषण करेंगे। इस मुद्दे को आईसीसी को देखना है।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, May 26, 2013, 23:16

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