Last Updated: Wednesday, May 29, 2013, 14:49

नई दिल्ली : एन श्रीनिवासन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है और आईपीएल स्पाट फिक्सिंग प्रकरण में जांच पूरी होने तक बीसीसीआई अध्यक्ष से इस्तीफा मांगने वालों की सूची में बुधवार को खेल मंत्रालय का नाम भी जुड़ गया। आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला, बोर्ड उपाध्यक्ष अरूण जेटली और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे वरिष्ठ बोर्ड अधिकारियों के श्रीनिवासन से दूर रहने की मांग करने के बाद मंत्रालय ने भी उन्हें बाहर करने की मांग की है।
खेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘बीसीसीआई मैच और स्पाट फिक्सिंग के आरोपों की जांच कर रहा है। जांच में हितों का टकराव है इसलिए बीसीसीआई अध्यक्ष को जांच का नतीजा सामने आने तक नैतिक कारणों से इस्तीफा देना चाहिए।’ श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपरकिंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन को पुलिस ने सट्टेबाजी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
बीसीसीआई की तीन सदस्यीय जांच समिति मयप्पन और राजस्थान रायल्स के तीन खिलाड़ियों तथा इस फ्रेचाइजी और चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही है।
कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति टी जयराम चाउता, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले आयोग के सदस्य होंगे।
खेल मंत्रालय ने कहा कि वे मामले पर नजर रखे हुए हैं और साथ ही खेलों के लिए मजबूत भ्रष्टाचार रोधी कानून लाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। बयान के अनुसार, ‘युवा मामले और खेल मंत्रालय सभी खेलों में अनुचित कार्यों पर लगाम कसने का पक्षधर है। कानून मंत्रालय द्वारा तैयार विधेयक के मसौदे पर मंत्रालय अपनी प्रतिक्रिया भेजेगा और कानून मंत्रालय और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर मैच और स्पाट फिक्सिंग के खिलाफ समग्र कानून तैयार करने की दिशा में काम करेगा।’ इस बीच मंत्रालय ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि वह खेल में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सट्टेबाजी को वैध बनाने के पक्ष में है।
मंत्रालय ने कहा, ‘खेल मंत्रालय ने देखा है कि मीडिया के एक वर्ग ने लिखा है कि वह देश में खेल प्रतियोगिताओं में सट्टेबाजी को वैध करने का कानून लाने के पक्ष में है।’ उन्होंने कहा, ‘मंत्रालय स्पष्ट करना चाहता है कि सट्टेबाजी राज्य का मामला है और यह केंद्रीय कानून का हिस्सा नहीं हो सकता। मंत्रालय ने सट्टेबाजी को वैध करने के लिए कानून मंत्रालय या किसी और संगठन को कोई सिफारिश नहीं की है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 29, 2013, 14:49