IPL फिक्सिंग केस में श्रीसंत, अंकित के अलावा 17 अन्य को जमानत -IPL fixing bail to 18 accused in the case, including Sreesanth

IPL फिक्सिंग केस में श्रीसंत, अंकित के अलावा 17 अन्य को जमानत

IPL फिक्सिंग केस में श्रीसंत, अंकित के अलावा 17 अन्य को जमानतनई दिल्ली : दिल्ली पुलिस को मिले एक बड़े झटके में एक अदालत ने किकेट्रर एस श्रीसंत, अंकित चव्हाण और 17 अन्य पर मकोका के कड़े प्रावधान लगाने के लिए उसे आड़े हाथ लिया और उन्हें आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले में जमानत प्रदान कर दी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनय कुमार खन्ना ने कहा, ‘यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि इस समय आरोपी महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत दोषी है।’ अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया ‘कोई समुचित सामग्री’ नहीं है जो यह साबित करती हो कि उनकी संगठित अपराध गिरोह के साथ ‘साठगांठ’ थी।

दोनों खिलाड़ियों के अलावा अदालत ने 17 अन्य आरोपियों को राहत प्रदान की। इनमें 14 सट्टेबाज शामिल है। इनको 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और उतनी ही राशि की जमानत देने को को कहा गया।

न्यायाधीश ने कहा, ‘आरोप हैं कि गिरोह को लाभ पहुंचाने के लिए स्ट्टेबाजों ने सट्टेबाजी की और खिलाड़ियों ने फिक्सिंग की।’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले की गहन पड़ताल करने और अदालत के समक्ष पेश सामग्री पर गौर करने के बाद अदालत ने पाया कि रिकार्ड में ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह स्थापित करती हो कि आरोपियों की संगठित अपराध गिरोह के साथ साठगांठ थी।’

दिल्ली पुलिस ने इस सिलसिले में श्रीसंत एवं राजस्थान रायल्स के उसके दो टीम सहयोगियों चव्हाण एवं अजीत चंदीला सहित 26 को अभी तक गिरफ्तार किया गया है।

अदालत द्वारा जिन 19 लोगों को जमानत प्रदान की गयी है उनके अलाव छह अन्य अभी 18 जून तक की न्यायिक हिरासत में है। एक कथित सट्टेबाज रमेश व्यास 18 जून तक की पुलिस हिरासत में है। चंदीला एवं छह अन्य ने अभी तक जमानत के लिए आवेदन नहीं किया है।

पुलिस अदालत को संतुष्ट करने में विफल रही। उसने अपराध जगत सरगना दाउद इब्राहिम एवं छोटा शकील द्वारा संचालित संगठित अपराध गिरोह में शामिल होने के कारण मकोका के तहत आरोप लगाने के अपने निर्णय को उचित ठहराने के लिए रिकार्ड पर साक्ष्य रखे।

न्यायाधीश ने कहा, ‘मुझे साक्ष्यों की पड़ताल करनी होगी और उसी के बाद मैं मामला और यह तय करने में सक्षम हो पाउंगा कि क्या इन लोगों की बाहर बैठे हुए अपराध जगत के लोगों के साथ साठगांठ है।’

न्यायाधीश की यह टिप्पणी तब आयी जब पुलिस ने कहा कि वह 18 जून से पहले दस्तावेज एवं साक्ष्य अदालत में पेश नहीं कर सकती क्योंकि जांच प्रारंभिक स्तर पर है।

अदालत ने कहा, ‘यह मकोका के प्रावधानों का दुरूपयोग होगा लिहाजा आपको संबद्ध दस्तावेज देने पड़ेंगे। यदि आपने उनके खिलाफ मकोका के तहत मामला दर्ज किया है तो इसका मतलब यह है कि आपके पास समुचित मंजूरी और उनमें से प्रत्येक के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होंगे।’

देर शाम तक चली सुनवाई में अतिरिक्त लोक अभियोजक राजीव मोहन ने कहा कि दाउद, शकील, जावेद चुरानी और सलमान सट्टेबाजों के साथ निरंतर संपर्क में थे जिनमें रमेश व्यास भी शामिल था। (एजेंसी)

First Published: Monday, June 10, 2013, 19:53

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