खिलाड़ियों का कप्तान पर भरोसा जरूरी : गांगुली

खिलाड़ियों का कप्तान पर भरोसा जरूरी : गांगुली

खिलाड़ियों का कप्तान पर भरोसा जरूरी : गांगुलीमुंबई : पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि क्रिकेट टीम की अगुवाई करना परिवार चलाने की तरह ही है जिसमें यदि कप्तान अपने सदस्यों का भरोसा खो देता है तो वे खुद के लिये खेलना शुरू कर देंगे। गांगुली ने कल रात यहां एक कार्यक्रम में आस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट के साथ नेतृत्वक्षमता पर चर्चा करते हुए कहा, ‘‘एक नेतृत्वकर्ता होने के कारण यदि आप अच्छी टीम चाहते हो तो आपको अपने खिलाड़ियों के साथ पारदर्शी होना होगा। कप्तान का सबसे बड़ा हुनर अपने खिलाड़ियों का भरोसा जीतना होता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे माहौल में रहते हैं जहां हम खिलाड़ियों को बाहर करते हैं और जब आप टीम से बाहर होते हो तो आपके दिमाग में कई तरह के सवाल उठते हैं। किसी को बाहर करना आसान है लेकिन आपको उससे बात करनी होती है। आपको उसे बताना होता कि अभी आपकी स्थिति यही है। हमें लगता है कि आपको बैठना पड़ सकता है लेकिन हम आपको टीम में वापस चाहते हैं। ऐसे में वह खुशी से बाहर होगा। ’’ गांगुली ने कहा, ‘‘और जब वह वापसी करेगा तो उसे पता होता है कि कप्तान ने अपनी बात रखी है और वह अपना शत प्रतिशत देगा। यदि इस तरह की पारदर्शिता और भरोसा पैदा नहीं होता है तो टीम खेल में किसी मुकाम पर आपको लगेगा कि खिलाड़ी खुद के लिये खेलने लग गये हैं। यही से स्थिति बिगड़ती है। आपको इस तरह की परिस्थिति में पहुंचने से बचने की जरूरत है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘परिवार की तरह कुछ लोग अलग तरह का रास्ता अपनाते हैं। आपको उससे निबटना होता है। मैं समझता हूं कि यहीं पर आपकी नेतृत्वक्षमता की परीक्षा होती है। आपको प्रत्येक व्यक्ति को अलग तरह से संभालना होता है। मैं पूरे सम्मान के साथ यह कह रहा हूं कि आपको टीम में राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह के साथ काम करना है जिनका व्यक्तित्व पूरी तरह से भिन्न है। ’’ गांगुली ने कहा, ‘‘यदि आप युवराज सिंह से कहो कि किताब पढ़ो तो वह अगले दिन क्रिकेट गेंद को हिट नहीं करेगा। दूसरी तरफ यदि आप राहुल द्रविड़ से कहोंगे कि रात में पार्टी में जाओ तो वह अगली सुबह नहीं उठेगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे दोनों अलग तरह के इंसान है और आपको उन्हें अपनी जिंदगी जीने की छूट देनी होती है। एडम और शेन वार्न एक छोर पर हैं और स्टीव वा दूसरे। उनका व्यक्तित्व पूरी तरह से भिन्न है लेकिन आखिर में उन्होंने आस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिये योगदान दिया। ’’

कप्तानी से इतर गांगुली ने कहा कि खिलाड़ियों को मैदान पर उतरने के बाद केवल प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए और अन्य चीजों के बारे में नहीं सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा हमेशा मानना रहा है कि जब आप मैदान पर उतरते हो तो फिर चाहे वह आपको 100वां टेस्ट मैच हो या पहला मैच आपको केवल क्रिकेट गेंद से चिंता करनी चाहिए। बाकी कोई भी बात आपके दिमाग में नहीं होनी चाहिए। ’’ गांगुली ने कहा, ‘‘चयनकर्ता क्या सोच रहे हैं। कप्तान क्या सोच रहा है, कोच आपके बारे में क्या सोचता है, चाहे यह पहला मौका हो या आखिरी। हम खिलाड़ी इससे गुजरते हैं। भिन्न खिलाड़ियों पर अलग अलग तरह का दबाव होता है। आपको केवल क्रिकेट गेंद को लेकर चिंता करनी चाहिए दूसरी चीजों के बारे में नहीं। ’’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 1, 2013, 18:12

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