`पूरी टीम न होने पर जांच आयोग काम नहीं कर सकता`

`पूरी टीम न होने पर जांच आयोग काम नहीं कर सकता`

नई दिल्ली : आईपीएल स्पाट फिक्सिंग प्रकरण की जांच के लिए गठित जांच आयोग के सदस्यों में शामिल न्यायमूर्ति टी जयराम चौटा ने आज कहा कि जब तक तीनों सदस्य मौजूद नहीं होते तब तक समिति के लिए काम करना संभव नहीं है।

न्यायमूर्ति चौटा ने कहा, ‘‘टीम मौजूद नहीं है, सिर्फ दो सदस्य मौजूद हैं। जब तक आयोग पूरा नहीं होता तब तक मुझे नहीं लगता कि हम अभी काम कर सकते हैं।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि बोर्ड सचिव संजय जगदाले के इस्तीफे और उनके जांच पैनल से हटने के बाद यह बीसीसीआई पर निर्भर करता है कि वह किसी अन्य व्यक्ति को नियुक्त करे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बीसीसीआई पर निर्भर करता है कि वह किसी अन्य व्यक्ति को नियुक्त करे। कल रात हमें संजय जगदाले के इस्तीफे के बारे में पता चला।’’ न्यायमूर्ति चौटा, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर बालसुब्रमण्यन और जगदाले को शुरूआत में तीन सदस्यीय जांच आयोग में शामिल किया गया था। बीसीसीआई ने श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ जांच के लिए इस आयोग का गठन किया था। मयप्पन को हाल में संपन्न इंडियन प्रीमियर लीग के मैचों में सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

इस बीच जगदाले ने दोहराया कि बीसीसीआई को कुछ नये चेहरों की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में भारतीय क्रिकेट में जो हुआ उससे मुझे काफी पीड़ा हुई। लाखों क्रिकेट प्रेमियों की तरह मुझे भी पीड़ा पहुंची है क्योंकि एक पूर्व खिलाड़ी होने के नाते मैं लंबे समय से खेल से जुड़ा हूं।’’ जगदाले ने कहा, ‘‘कुछ बदलाव करने की जरूरत है और मैंने सोचा कि यह बेहतर है कि मैं बाहर चला जाउं जिससे कि कुछ नये चेहरे आ सकें।’’ उन्होंने हालांकि कहा कि बीसीसीआई में सभी भ्रष्ट नहीं हैं। (एजेंसी)


First Published: Saturday, June 1, 2013, 15:09

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