Last Updated: Wednesday, May 29, 2013, 20:19

मुंबई : आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी के वकील महमूद अब्दी ने बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद के खिलाफ सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिये बोर्ड के तीन सदस्यीय जांच आयोग का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यह महज दिखावा है। अब्दी ने कहा कि समिति में आवश्यक संख्याबल की कमी है और यह ऐसे किसी व्यक्ति के आचरण की जांच नहीं कर सकती जो बीसीसीआई का सदस्य नहीं हो।
अब्दी ने बयान में कहा, ‘‘बीसीसीआई के नियमों के अतंर्गत एक अनुशासनात्मक समिति (इस संदर्भ में आयोग पढ़ा जाये: बोर्ड की आम बैठक में सालाना नियुक्त की जाती है, जिसमें सभी 30 सदस्य मौजूद होते हैं। इसके लिये 21 दिन का नोटिस अनिवार्य है। इसलिये श्रीनिवासन द्वारा नियुक्त समिति या आयोग में जरूरी जनादेश की कमी है। ’’ अब्दी श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं। यह राजस्थान क्रिकेट संघ की इकाई है जो यह बीसीसीआई का पूर्ण सदस्य है। उन्होंने कहा कि जिस तरह इसका गठन किया गया है, उससे पता चलता है कि बीसीसीआई अध्यक्ष सुनिश्चित नहीं थे कि उन्हें आवश्यक संख्याबल मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आम सभा को दरकिनार करते हुए आयोग की नियुक्ति जिस जल्दबाजी से की गयी है, उससे साफ दिखता है कि श्रीनिवासन सुनिश्चित नहीं थे कि उन्हें आम सभा में सदस्यों से आवश्यक जनादेश मिलेगा और वह चाहते हैं कि ‘शार्ट कट’ के जरिये उन्हें क्लीन चिट मिल जाये। ’’
अब्दी ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि मद्रास उच्च न्यायालय के माननीय पूर्व न्यायाधीश आयोग की नियुक्ति के जनादेश को देखेंगे और उन्हें श्रीनिवासन द्वारा इस आत्म प्रमाणीकरण प्रक्रिया में अपने नामों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। ’’ उनकी राय में आयोग किसी भी बाहरी व्यक्ति जैसे श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन के आचरण की जांच नहीं कर सकता।
अब्दी ने कहा, ‘‘बीसीसीआई की कोई भी समिति या आयोग सिर्फ अपने सदस्यों के आचरण की ही जांच कर सकता है, वह किसी बाहरी व्यक्ति की जांच नहीं कर सकता। श्रीनिवासन ने तो बताया है कि उनका दामाद सिर्फ क्रिकेट के प्रति उत्साही है और फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स से उसका कोई नाता नहीं है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे हालातों में आयोग सिर्फ फ्रेंचाइजी के मालिक श्रीनिवासन के आचरण की जांच कर सकता है जो बोर्ड अध्यक्ष हैं।’’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 29, 2013, 20:19