श्रीसंत को बाहर करने के पीछे ‘भज्जी’ नहीं : द्रविड़

श्रीसंत को बाहर करने के पीछे ‘भज्जी’ नहीं : द्रविड़

श्रीसंत को बाहर करने के पीछे ‘भज्जी’ नहीं : द्रविड़जयपुर : राजस्थान रायल्स के कप्तान राहुल द्रविड़ ने इन खबरों को खारिज किया है कि मुंबई इंडियंस के खिलाफ कल के मैच में तेज गेंदबाज एस श्रीसंत को इसलिए बाहर किया गया ताकि हरभजन सिंह से उनका सामना ना हो सके।

श्रीसंत द्वारा ट्विटर पर स्लैपगेट प्रकरण के जख्म हरे करने के बाद इंडियन प्रीमियर लीग में पहली बार उसका सामना हरभजन से होना था। किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ पिछले मैच में 20 रन देकर दो विकेट लेने वाले श्रीसंत को हालांकि मुंबई के खिलाफ मैच से बाहर कर दिया गया। उनकी जगह स्पिनर अंकित चव्हाण को जगह दी गई।

मैच के बाद द्रविड़ ने पत्रकारों से कहा, ‘श्रीसंत को बाहर करने में कोई भज्जी फैक्टर नहीं था।’ उन्होंने कहा, ‘श्रीसंत चार मैच खेल चुका था और अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। हमें अभी काफी मैच खेलने हैं और हम उसे थोड़ा आराम देना चाहते थे। वह सभी मैच नहीं खेल सकता।’ श्रीसंत ने कुछ दिन पहले यह दावा करके 2008 के थप्पड़ कांड की यादें फिर ताजा कर दी कि वह घटना सुनियोजित थी और हरभजन ‘पीठ में छुरा घोपने’ वाले इंसान हैं। राजस्थान की 87 रन से जीत के बारे में द्रविड़ ने कहा कि टीम ने रणनीति पर अक्षरश: अमल किया।

उन्होंने कहा, ‘बल्लेबाजी और गेंदबाजी में पहले छह ओवर निर्णायक होते हैं। शेन वाटसन और अजिंक्य रहाणे ने 62 रन की साझेदारी की जबकि गेंदबाजी में हमने सचिन और पोंटिंग के अहम विकेट 26 रन के भीतर ले लिये।’ 180 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए द्रविड़ ने चंदीला और चव्हाण से गेंदबाजी की शुरूआत कराई । चंदीला ने तेंदुलकर और पोंटिंग का विकेट लिया जबकि चव्हाण ने तीन ओवर में सिर्फ 10 रन दिये।

द्रविड़ ने अपनी रणनीति के बारे में कहा, ‘लोगों को लगता है कि मैं पारंपरिक रणनीति में विश्वास रखता हूं लेकिन मैंने पहले भी चंदीला और चव्हाण से गेंदबाजी की शुरूआत कराई है। हमने दिशांत याग्निक को बल्लेबाजी में ऊपर भेजा और इस भरोसे पर खरे उतरकर उसने अच्छी पारी खेली।’ अच्छे फार्म में चल रहे द्रविड़ ने तीसरे नंबर पर खुद उतरने की बजाय याग्निक को भेजा था जिसने 24 गेंद में 34 रन बनाए।

उन्होंने कहा, ‘कोई क्रम फिक्स नहीं है। यदि हमने जल्दी विकेट गंवाए होते तो तीसरे नंबर पर मैं उतरता। यह हालात पर निर्भर करता है। हमें लगा कि उस समय याग्निक जैसे खब्बू बल्लेबाज की जरूरत थी तो उसे भेजा गया।’ (एजेंसी)

First Published: Thursday, April 18, 2013, 14:45

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