Last Updated: Thursday, May 23, 2013, 20:57
नई दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के वर्तमान संस्करण में स्पॉट फिक्सिंग मामले में पुलिस द्वारा पूरे भारत में सट्टेबाजों के गिरोहों के खिलाफ की गई कार्रवाई के कारण दिल्ली के सट्टेबाजों को 35,000 करोड़ रुपयों का घाटा हुआ है। पुलिसिया कार्रवाई के बाद अधिकतर सट्टेबाजों ने या तो अपना कारोबार बंद कर दिया है या भूमिगत हो गए हैं।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि आईपीएल शुरू होते समय यह कारोबार 50,000 करोड़ रुपयों का था, राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों के गिरफ्तार होने के साथ ही एक सप्ताह के भीतर यह कारोबार घटकर 15,000 करोड़ रुपयों का रह गया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पुलिस अधिकारियों द्वारा मुंबई, अहमदाबाद तथा चेन्नई सहित प्रमुख शहरों में सट्टेबाजी गिरोह के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के कारण सट्टेबाजी संगठनों ने सट्टेबाजी बंद कर दी। यहां तक कि हवाला करने वाले भी गायब हो गए हैं।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि स्पॉट फिक्सिंग तो बंद हो गया लेकिन उन रुपयों का उपयोग मैच फिक्सिंग के लिए होने लगा है। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली और आस-पास के इलाकों में 1,500 के करीब सट्टेबाज अभी भी सक्रिय हैं। उत्तरी एवं मध्य दिल्ली के मॉडल टाउन, मलकागंज, करोल बाग, लाहौरी गेट, चांदनी चौक तथा पूर्वी एवं पश्चिमि दिल्ली के तिलक नगर, राजौरी गार्डेन तथा प्रीत विहार जैसे इलाके सट्टेबाजी के लिए प्रसिद्ध हैं। दिल्ली पुलिस कुछ प्रसिद्ध सट्टेबाजों पर नजर रखे हुए है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 23, 2013, 20:57