Last Updated: Tuesday, July 30, 2013, 13:39

मुंबई : बीसीसीआई और एन श्रीनिवासन को करारा झटका देते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आईपीएल में स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिये इसके द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच पैनल को ‘अवैध और असंवैधानिक’ बताया ।
उच्च न्यायालय का आदेश जांच समिति द्वारा 28 जुलाई को रिपोर्ट जमा किये जाने के दो दिन के भीतर आया । पैनल ने रिपोर्ट में श्रीनिवासन, उनके दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स टीम के मालिक गुरूनाथ मयप्पन और राजस्थान रायल्स के मालिक राज कुंद्रा को क्लीन चिट दी थी ।
न्यायमूर्ति एस जे वजीफदार और एम एस सोनक की खंडपीठ ने बिहार क्रिकेट संघ और इसके सचिव आदित्य वर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया । याचिका में बीसीसीआई और आईपीएल संचालन परिषद द्वारा दो सदस्यीय पैनल के गठन को चुनौती दी गई थी । पीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि जांच पैनल का गठन अवैध और असंवैधानिक है ।
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर वकीलों वीरेंद्र तुलजापुरकर और बीरेंद्र सराफ के साथ पैरवी करने वाले एडवोकेट अमित नाईक ने कहा कि हम कामयाब हुए हैं और अदालत ने हमारी दलील स्वीकार कर ली । अब बीसीसीआई को तय करना है कि आगे क्या करना है ।
गौरतलब है कि रविवार को बीसीसीआई वर्किंग कमिटी की बैठक में बीसीसीआई ने चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक और बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के पूर्व को-ओनर राज कुंद्रा को स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के केस में क्लीन चिट दे दी थी।
First Published: Tuesday, July 30, 2013, 12:35