Last Updated: Monday, March 11, 2013, 00:47

पटियाला/चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस ने रविवार को कहा कि ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह से 130 करोड़ रुपए की 26 किग्रा हेरोइन बरामदगी के संबंध में पूछताछ की जाएगी।
उनके साथी राम सिंह को राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) से बाहर कर दिया गया क्योंकि उन्होंने स्वीकार किया कि उसने इस स्टार मुक्केबाज के साथ ड्रग्स का सेवन किया था।
पुलिस ने एक अन्य आरोपी सुनील कात्याल को लुधियाना से गिरफ्तार किया जो ड्रग की ‘शुद्धता और गुणवत्ता’ की जांच करता था। इससे इस मामले में गिरफ्तार व्यक्तियों की कुल संख्या बढ़कर सात हो गई है।
फतेहगढ़ साहिब के एसएसपी हरदयाल सिंह मान ने कहा, ‘‘हम पूछताछ के लिये विजेंदर को बुलायेंगे। हालांकि इस समय हमारी जांच का केंद्र इस मामले में अन्य तस्करों को पकड़ना है।’’
उन्होंने कहा,‘‘हम इस मामले में तीन-चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे, इसके बाद ही हम विजेंदर पर ध्यान लगायेंगे।’’ पंजाब पुलिस में हैडकांस्टेबल और राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के सुपर हैवीवेट वर्ग के पूर्व पदक विजेता राम सिंह ने फतेहगढ़ साहिब में स्वीकार किया कि उसने कुछ मौकों पर विजेंदर सिंह के साथ ड्रग्स ली थी, इसके बाद उन्हें एनआईएस से निलंबित कर दिया गया।
एनआईएस के कार्यकारी निदेशक एलएस राणावत ने कहा, ‘‘राम को कल यहां शिविर से रिलीव कर दिया जाएगा।’’ हरियाणा पुलिस में डीएसपी 27 वर्षीय विजेंदर ने इस प्रकरण में जुड़े होने या ड्रग लेने से सिरे से इनकार कर दिया है। राम सिंह से आज लगातार तीसरे दिन पूछताछ की गयी, उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने गुरुवार को जीरकपुर में 130 करोड़ रुपये की हेरोइन बरामद की थी, जिसके आरोपी एनआरआई अनूप सिंह कहलों की गिरफ्तारी के बाद राम सिंह से रोजाना पुलिस पूछताछ कर रही है।
मान ने कहा, ‘‘इस मामले में कहलों से पूछताछ और छह अन्य की गिरफ्तारी से ड्रग कारोबार में सक्रिय रूप से शामिल चार.पांच लोगों का नाम आया है। ’’ हरियाणा पुलिस भी इस मामले में विजेंदर का नाम आने के बाद उन पर नजर रखे है। अधिकारिक सूत्रों ने कहा कि क्राइम ब्रांच के एसपी स्तर का एक अधिकारी इस मामले में पंजाब पुलिस से लगातार संपर्क बनाये है।
पुलिस ने एनआरआई कहलों को जिस फ्लैट से गिरफ्तार किया उसके समीप से विजेंदर की पत्नी अर्चना के नाम पर पंजीकृत एसयूवी गाड़ी मिली थी।
सूत्रों ने कहा,‘‘विजेंदर की ‘कॉल डिटेल्स’ की जांच में खुलासा हुआ कि वह कहलों से संपर्क में था। ’’ राम सिंह ने स्वीकार किया उसने और विजेंदर ने कुछ मौकों पर कहलों द्वारा दी गयी एक से तीन ग्राम की हेरोइन ली थी। इस बीच कहलों ने कल पुलिस हिरासत के दौरान आत्महत्या की कोशिश की।
सूत्रों ने बताया कि राम सिंह ने पुलिस को बताया कि वह बीते समय में कहलों से मिला था, लेकिन उसने उसके आपराधिक संबंधों पर ध्यान नहीं दिया। इससे पहले राम सिंह ने दावा किया था कि विजेंदर ने कुछ मौकों पर उनके साथ ड्रग्स का सेवन किया। राम सिंह ने हालांकि जोर देकर कहा कि उन्होंने गलती से प्रतिबंधित पदार्थों को फूड सप्लीमेंट समझ लिया था।
राम सिंह ने फतेहगढ़ साहिब पुलिस को बताया कि उसने और विजेंदर ने इस साल एक जनवरी और 26 फरवरी के बीच दो
तीन बार ड्रग का सेवन किया था। उन्होंने कहा कि विजेंदर ने पहली बार प्रतिबंधित पदार्थ तब लिए जब वह चंडीगढ़ से पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान जा रहे थे।
विजेंदर के भाई मनोज कुमार ने कहा कि उन्हें इसमें किसी की ‘साजिश’ लगती है। उन्होंने कहा, ‘‘यह साजिश उसे बदनाम करने के लिये की जा रही है। उसने कभी भी किसी ड्रग को छुआ तक नहीं है, वह बिलकुल पाक-साफ निकलेगा।’’
इस बीच पंजाब पुलिस ने फतेहगढ़ साहिब के गांव में अजरुन पुरस्कार प्राप्त कर चुके पहलवान जगदीश भोला के रिश्तेदार की एक फैक्ट्री पर छापा मारा।
सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि दो व्यक्तियों को पकड़ा गया और उनसे पूछताछ की गयी। अधिकारी ने कहा कि पुलिस पहलवान जगदीश भोला को गिरफ्तार करने के लिये छापे मार रही है जिस पर आरोप है कि वह इस गिरोह का सरगना है। पंजाब पुलिस ने भोला को डीएसपी पद से बर्खास्त किया था।
दिलचस्प बात है कि कहलों की गिरफ्तारी से एक दिन पहले एनआईएस ने कोचिंग शिविर में भाग ले रहे सभी खिलाड़ियों के कमरों में औचक दौरा किया था और राष्ट्रीय मुक्केबाजी कोच जी एस संधू ने कहा कि इसमें कोई आपत्तिजनक पदार्थ नहीं मिला था।
फतेहगढ़ साहिब में पुलिस की पूछताछ के बाद राम सिंह ने कहा,‘‘मैंने और विजेंदर ने यह सोचकर ड्रग्स लिए कि यह फूड सप्लीमेंट हैं। हमें नहीं पता था कि हम ड्रग्स ले रहे हैं। हमें बताया गया था कि हम फूड सप्लीमेंट ले रहे हैं जो स्ट्रैंथ और स्टेमिना बढ़ाने के लिए हैं।’’
एनआईएस ने राम सिंह के इस बयान को खारिज कर दिया और कहा कि एनआईएस ने खिलाड़ियों के फूड सप्लीमेंट के लिये पूर्ण प्रणाली बनायी हुई है ताकि उनकी डाइट का ख्याल रखा जा सके। दुनिया के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज विजेंदर ने भारत को मुक्केबाजी में पहला ओलंपिक पदक दिलाया था जब उन्होंने 2008 में बीजिंग में कांस्य पदक जीता। इसके अलावा उन्होंने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और राष्ट्रमंडल खेलों में कई बार पदक जीते हैं।
विजेंदर ने कहा था कि वह इस प्रकरण में शामिल नहीं है और पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए कथित ड्रग डीलर को नहीं जानता।
संधू ने विजेंदर का बचाव करते हुए कहा, ‘‘विजेंदर ने कभी भी जांच कराये बिना कोई दवाई नहीं ली। वह इस बात को बखूबी जानता है कि उसका डोप टेस्ट होगा और वह इसके जोखिम भी जानता है। वह पिछले 10 साल से हमारे साथ ट्रेनिंग कर रहा है और उसने नियमित रूप से परीक्षण कराये हैं। जब हमने ओलंपिक से पहले उसका परीक्षण किया था तो यह नकारात्मक था।’’ हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने झज्जर में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि विजेंदर किसी भी ड्रग मामले में शामिल होगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 10, 2013, 21:50