Last Updated: Monday, July 29, 2013, 17:58

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड समेत सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिये आरटीआई के दायरे में आना अनिवार्य होगा और ऐसा नहीं करने पर सरकार के पास अधिकार होंगे कि वह टीम के साथ ‘भारत’ शब्द का प्रयोग करने से उसे रोक दे।
राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक 2013 का मसौदा तैयार करने वाले कार्यसमूह ने आज इसके प्रावधानों पर मीडिया से चर्चा की। कार्यसमूह के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) मुकुल मुद्गल ने कहा कि सभी खेल महासंघों को इस विधेयक के जरिए सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत आना होगा जिसमें बीसीसीआई भी शामिल है।
मुद्गल ने कहा, यदि यह विधेयक अधिनियम का रूप लेता है तो सभी खेल महासंघों को आरटीआई के दायरे में आना होगा हालांकि इसमें कुछ अपवाद शामिल होंगे जिनमें खिलाड़ियों के ठिकाने , स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, चयन मसलों, व्यावसायिक रूप से गोपनीय सूचना शामिल है। उन्होंने कहा, यदि कोई खेल महासंघ इसके दायरे में आने से इनकार करता है तो धारा चार के तहत सरकार को यह अधिकार होगा कि वह अपीली ट्रिब्यूनल में जाकर उसे टीम के साथ ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल करने से रोक दे। विधेयक के नए प्रावधानों के बारे में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने कहा, इसमें नैतिक आयोग, एथलीट आयोग और स्वतंत्र चुनाव आयोग जैसे नये प्रावधान हैं।
बिंद्रा ने कहा, कार्यसमूह ने हर राष्ट्रीय महासंघ के प्रशासन में खिलाड़ियों की 25 प्रतिशत भागीदारी अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें से दो सदस्य महासंघ की कार्यकारी ईकाई में होंगे और उन्हें मतदान अधिकार भी होगा। उप समितियों में भी एथलीट आयोग के सदस्य होंगे। उन्होंने बताया, इसी तरह आईओसी की आचार संहिता का अनुपालन कराने के लिये एक नैतिक आयोग का गठन किया जायेगा। इसके नौ सदस्य होंगे जिनमें से तीन न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रीय ओलंपिक समिति भारत के मुख्य न्यायाधीश या उसके द्वारा नामांकित न्यायाधीश की सलाह पर करेगी। बिंद्रा ने आगे कहा, इसके अलावा तीन सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रीय ओलंपिक समिति करेगी और बाकी समिति के अध्यक्ष द्वारा मनोनीत होंगे। आयोग का कार्यकाल चार साल तक होगा। नये मसौदे में भी उम्र और कार्यकाल के दिशानिर्देश को बरकरार रखा गया है जिसके तहत राष्ट्रीय खेल महासंघ के किसी भी पदाधिकारी के लिये अधिकतम आयुसीमा 70 वर्ष होगी और अध्यक्ष पद के लिये वह लगातार चार चार साल के तीन कार्यकाल पूरा होने के बाद चुनाव नहीं लड़ सकता।
मुद्गल ने कहा, इसके अलावा ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसके खिलाफ किसी आपराधिक मामले में अदालत में आरोप तय हो गए हों, चुनाव नहीं लड सकता।
मुद्गल ने बताया कि राष्ट्रीय खेल महासंघों की चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिये खेलों के स्वतंत्र चुनाव आयोग के गठन का प्रस्ताव रखा गया है। उन्होंने बताया, खेलों के लिये अलग चुनाव आयोग का गठन किया जायेगा जिसके चुनाव आयुक्त और दो सदस्यों की नियुक्ति तीन सदस्यीय समिति करेगी। इस समिति में राष्ट्रीय ओलंपिक समिति का अध्यक्ष, खेलमंत्री और एथलीट आयोग का अध्यक्ष शामिल होगा। आईपीएल समेत घरेलू टूर्नामेंटों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर नकेल कसने के लिये विधेयक में क्या प्रावधान होंगे, यह पूछने पर मुद्गल ने कहा कि नैतिक आयोग इस पर नजर रखेगा और अगर मसला राष्ट्रहित का है तो कार्रवाई की जायेगी।
यह पूछने पर कि विधेयक का मसौदा तैयार करते समय क्या खेल महासंघों की राय ली गई, देब ने कहा कि सभी को मसौदे की प्रति भेजी गई है और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है।
उन्होंने कहा, बीसीसीआई समेत सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को मसौदे की प्रति भेज दी गई है और हमें उनकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार है। अभी तक किसी महासंघ से जवाब नहीं आया है। देब ने बताया कि विधेयक को संसद के मानसून सत्र में लाने की योजना थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा भारत पर लगाये गए निलंबन के कारण इसमें देरी हुई और अब इसे शीतकालीन सत्र में ही लाया जा सकेगा।
पूर्व टेनिस खिलाड़ी मल्होत्रा ने बताया कि विधेयक में यौन उत्पीडन के मसले पर भी विभिन्न प्रावधान जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा, यौन उत्पीडन जैसी घटनाओं से बचने के लिये हर महिला खिलाडी और महिलाओं की टीम के कोचिंग और सहयोगी स्टाफ में महिला सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा एक शिकायत समिति का गठन भी किया जायेगा जो समयसीमा के भीतर शिकायतों का निवारण करेगी। देब ने कहा कि सारे प्रावधान आईओसी नियमों को ध्यान में रखकर तैयार किये गए हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस बार यह विधेयक अधिनियम का रूप लेगा।
पूर्व खेलमंत्री अजय माकन द्वारा लाये गए पूर्व विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिलने के बाद नये सिरे से इसके प्रावधानों पर गौर करने के लिये कार्यसमूह का गठन किया गया था। इसमें ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, पूर्व हाकी कप्तान वीरेन रासकिन्हा, पूर्व टेनिस स्टार मनीषा मलहोत्रा, क्लीन स्पोर्ट्स इंडिया के बीवीपी राव, खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार, खेल सचिव पी के देब, नौकायन खिलाड़ी मालव श्राफ, हाकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्रा और साइ के पूर्व महानिदेशक सायन चटर्जी शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 29, 2013, 16:31