Last Updated: Sunday, January 8, 2012, 15:08
मुंबई : इंग्लैंड के अंपायर पीटर हार्टले को लगता है कि अंपायरों के फैसलों की समीक्षा प्रणाली, डीआरएस पर रैफरल की जरूरत पर निर्णय लेने का अधिकार खिलाड़ियों के बजाय अंपायरों को होना चाहिए।
हार्टले ने कहा, ‘मुझे लगता है कि खेल में इस तकनीक के लिये जगह होनी चाहिए। हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते। खेल में गलतियों को कम करने के लिये तकनीक की जरूरत है। मैं रैफरल प्रणाली में सिर्फ एक चीज के खिलाफ हूं कि यह खिलाड़ियों को अंपायर के फैसले पर सवाल उठाने की अनुमति देता है। मैं इसे इसके विपरीत चाहता हूं । जब भी कोई करीबी फैसला लेना होता है तो बतौर अंपायर आप जानते हैं कि यह कितना करीबी है लेकिन आप सुनिश्चित नहीं होते । 99 प्रतिशत, बल्लेबाजों को इसका लाभ दिया जाता है।’
हार्टले छह वनडे और तीन टी-20 में अंपायरिंग कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसे मामलों में अंपायर को कहना चाहिए कि मुझे ठीक नहीं पता और मैं इसे रैफर करता हूं । ऐसे हालात में खिलाड़ी अंपायर के फैसले पर सवाल नहीं उठा सकता । मुझे लगता है कि अभी जो समस्या है, इससे उसे सुलझाने में मदद मिलेगी।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 8, 2012, 20:38