Last Updated: Sunday, June 2, 2013, 20:59

नई दिल्ली : आठ साल पहले बीसीसीआई से निकाले गए जगमोहन डालमिया की एक संकटमोचक के रूप में वापसी हुई जिन्हें स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण से शर्मसार भारतीय क्रिकेट के खोए गौरव को फिर लौटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 73 साल के धुरंधर क्रिकेट प्रशासक डालमिया आईसीसी अध्यक्ष रह चुके हैं और भारत में क्रिकेट को कमाऊ बनाने का श्रेय उन्हें जाता है लेकिन वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में उन्हें सात साल पहले पद गंवाना पड़ा था।
कोलकाता के रहने वाले डालमिया 1979 में बीसीसीआई से जुड़े और अपने दोस्त से बाद में दुश्मन बने इंदरजीत सिंह बिंद्रा के साथ अपनी छाप छोड़ी। दोनों ने भारत में विश्व कप के आयोजन में अहम भूमिका निभाई और खेल का व्यवसायीकरण किया। इससे बीसीसीआई नब्बे के दशक में दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बना।
वह 1997 में आईसीसी के अध्यक्ष बने और बीसीसीआई को कमाऊ संगठन बनाया। उन्होंने टीवी अधिकार बेचने और क्रिकेट को विज्ञापनदाताओं के लिए आकर्षक बनाने में अपने चतुर दिमाग का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही खेल पर पश्चिम का दबदबा खत्म हुआ और उपमहाद्वीप का रूतबा बढ़ा। उन्हें हालांकि टीवी अधिकारों की बिक्री को लेकर हुए विवाद के कारण आईसीसी का पद छोड़ना पड़ा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 2, 2013, 20:59