आलोचना से खुद को दूर रखने का फायदा मिला: धोनी--Keeping myself shut off from criticism has helped me: Dhoni

आलोचना से खुद को दूर रखने का फायदा मिला: धोनी

आलोचना से खुद को दूर रखने का फायदा मिला: धोनीचेन्नई : पिछले कुछ अर्से में खराब प्रदर्शन के लिये आलोचना झेल रहे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आज कहा कि खुद को आलोचना से दूर रखकर उन्हें प्रदर्शन पर ध्यान देने में मदद मिली। आस्ट्रेलिया के खिलाफ आठ विकेट से मिली जीत में 224 रन बनाने वाले धोनी ने कहा कि उन्होंने आलोचना के बावजूद अपनी शैली नहीं बदली है। पिछले कुछ अर्से में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन के कारण उन पर बने दबाव के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि उन्होंने खुद को आलोचना से दूर रखने की पूरी कोशिश की है।

उन्होंने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ मेरे लिये मेरा काम मायने रखता है। मैने इतने दिनों में ना तो अखबार पढे और ना ही टीवी देखा जिससे काफी मदद मिली।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ ऐसा नहीं है कि मैं अखबार नहीं पढता लेकिन पीछे से तीन पन्ने खेल के होते हैं जिनसे मैं बचने की कोशिश करता रहा हूं। अखबार नहीं पढने से पता ही नहीं चलेगा कि देश में क्या हो रहा है।’’ भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्होंने अपनी शैली में कोई बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा ,‘‘ कुछ भी नहीं बदला है। आपकी खासियत हमेशा आपकी खासियत ही रहेगी। कुछ नहीं बदला है।’’ उन्होंने जीत का श्रेय टीम को देते हुए कहा कि रणनीति पर अमल करने की बात थी। उन्होंने कहा ,‘‘ तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर के बल्लेबाज को काफी श्रेय जाता है । सचिन ने शतक नहीं बनाया या पुजारा अर्धशतक नहीं बना सके लेकिन उन्होंने क्रीज पर काफी समय बिताया।’’

धोनी ने कहा कि उन्होंने शुरूआत में बड़े शाट खेलने की रणनीति अपनाई ताकि उनके पास से कैच लपकने के लिये खड़े अतिरिक्त क्षेत्ररक्षकों को हटाया जाये। उन्होंने कहा ,‘‘जब मैं बल्लेबाजी के लिये आया तो मामला बराबरी का था। नाथन लियोन अच्छी गेंदबाजी कर रहा था लिहाजा कुछ बड़े शाट खेलना जरूरी था ताकि अतिरिक्त फील्डरों को हटाया जा सके।’’ यह पूछने पर कि क्या नागपुर में पिछले टेस्ट में शतक चूकने का उन्हें मलाल था, धोनी ने कहा ,‘‘ मैने पांच बार 90 या अधिक रन बनाये लिहाजा अब इससे फर्क नहीं पड़ता। मेरा मानना है कि शीर्ष छह बल्लेबाजों को शतक की परवाह होती है। यह बात और है कि अब मैं भी छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ पारी की अहमियत देखनी चाहिये। मैने कभी शतक के बारे में नहीं सोचा। मुझे याद है कि मैने 2007 में ओवल में 92 रन बनाये थे और दिलीप वेंगसरकर वहां थे जिन्होंने मुझसे कहा कि क्या मैं कुछ अलग खेलूंगा। मैने कहा कि नहीं , यदि मुझे शाट खेलने का मौका मिलेगा तो मैं खेलूंगा।’’ उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा,‘‘ मैने कई बड़ी पारियां नहीं खेली है लिहाजा यह उतना मुश्किल नहीं लेकिन चूंकि मेरी बहुत कम बड़ी पारियां हैं तो यह मुश्किल भी है। मुझे लगता है कि 2007 में लार्डस पर बनाये 70 रन काफी खास है क्योंकि उससे हमें श्रृंखला जीतने में मदद मिली।’’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, February 26, 2013, 15:45

comments powered by Disqus