Last Updated: Friday, August 23, 2013, 13:16

इपोह : विश्व कप से बाहर होने की कगार पर खड़ी भारत की पुरूष हॉकी टीम शनिवार को यहां नौवें एशिया कप के पहले मैच में ओमान पर शानदार जीत के साथ आगाज करना चाहेगी। भारत के पास अगले साल हालैंड में होने वाले विश्व कप के लिये क्वालीफाई करने का यह आखिरी मौका है लिहाजा वह कोई कोताही नहीं बरत सकता।
आठ बार की ओलंपिक चैम्पियन भारत और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के लिये एशिया कप करो या मरो का टूर्नामेंट है। दोनों में से कोई एक टीम विश्व कप से बाहर रहेगी और 1971 में टूर्नामेंट की शुरूआत के बाद यह यह ऐसा पहला मौका होगा। गत चैम्पियन दक्षिण कोरिया विश्व कप में प्रवेश करने वाली आठवीं टीम बन गई जिसने पहली रिजर्व टीम के रूप में क्वालीफाई किया क्योंकि अर्जेंटीना ने पेन अमेरिकी उपमहाद्वीपीय चैम्पियनशिप जीत ली।
भारत एशिया कप 2009 की कड़वीं यादें भी मिटाना चाहेगा जब सात टीमों की स्पर्धा में वह पांचवें स्थान पर रहा था। बीजिंग ओलंपिक 2008 से बाहर रहने की त्रासदी को भारतीय अभी भी नहीं भुला सके हैं और ऐसे में विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाना भारतीय हॉकी को एक और करारा झटका होगा।
सेमीफाइनल तक की राह भारत के लिए मुश्किल नहीं है। भारत को पूल बी में कोरिया, बांग्लादेश और ओमान के साथ रखा गया है जबकि पूल ए में पाकिस्तान, जापान, मलेशिया और चीनी ताइपै हैं। ओमान के बाद भारत 26 अगस्त को कोरिया और 28 अगस्त को बांग्लादेश से खेलेगा । टूर्नामेंट से पहले कुछ प्रमुख खिलाड़ियों को लगी चोट से भारत की परेशानियां बढी हैं। एशिया कप के लिए सरदार सिंह की अगुवाई में भारत को युवा टीम के साथ उतरना पड़ा है।
फारवर्ड पंक्ति में अनुभवी दानिश मुज्तबा, एस वी सुनील, गुरविंदर सिंह चांडी और आकाशदीप सिंह नहीं हैं जो चोट के कारण बाहर हैं। रमनदीप सिंह और निकिन थिमैया पहला टूर्नामेंट खेलेंगे। नितिन थिमैया, मनदीप सिंह, मालक सिंह के पास भी ज्यादा अनुभव नहीं है। सरदार की अगुवाई में भारतीय मिडफील्ड के पास काफी अनुभव है और वह ही जीत की कुंजी भी साबित होगी। कमजोर रक्षण लंबे समय से भारत की समस्या रहा है। देखना होगा कि वी आर रघुनाथ, रूपिंदर पाल सिंह, अमित रोहिदास, कोथाजीत सिंह, बीरेंद्र लाकडा और गुरमेल सिंह इन हालात का सामना कैसे करते हैं।
यह भी देखना होगा कि भारतीय नयी शैली को कैसे आत्मसात करते हैं जो पूर्व कोच माइकल नोब्स की शैली से एकदम जुदा है। नोब्स के जाने के बाद भारतीय हॉकी टीम ने हालैंड के रोलेंट ओल्टमेंस के मार्गदर्शन में अभ्यास कर रही है। उनके लिये यह पहली असल चुनौती होगी और वह इसके लिए तैयार भी हैं। अपने खिलाड़ियों पर से दबाव हटाते हुए उन्होंने कहा था कि बतौर अंतरिम कोच वह एशिया कप में टीम के प्रदर्शन के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा था, ‘मैं टीम के प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार रहूंगा लेकिन मुझे अच्छे प्रदर्शन का यकीन है।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, August 23, 2013, 13:16