Last Updated: Thursday, December 15, 2011, 15:24

नई दिल्ली : भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने गुरुवार को साफ कर दिया कि उसका लंदन में अगले वर्ष होने वाले ओलम्पिक खेलों का बहिष्कार करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन वह डाओ केमिकल्स को प्रायोजक बनाए जाने के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के माध्यम से जोरदार विरोध दर्ज कराएगा। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों ने मांग की है कि भारत को लंदन ओलम्पिक का बहिष्कार करना चाहिए क्योंकि यूनियन कार्बाइड का मालिकाना हक रखने वाली कम्पनी डाओ को प्रायोजक बनाया गया है। यूनियर कार्बाइड में ही 1984 में गैस रिसाव के कारण भोपाल में हजारों लोगों की जान चली गई थी।
खेल मंत्रालय ने बुधवार को पत्र लिखकर आईओए से इस मसले पर अपना विरोध दर्ज कराने की बात कही थी। गुरुवार को शुरु हुई आईओए की कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन डाओ के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने को लेकर सहमति बनी।
कार्यकारिणी के एक वरिष्ठ सदस्य ने आईएएनएस को बताया, कार्यकारिणी ने गुरुवार को यह फैसला किया है कि हम डाओ मसले पर आईओसी के सामने अपना विरोध दर्ज करेंगे। हम इस बारे में आईओसी को एक पत्र लिखेंगे, जिसमें भोपाल गैस पीड़ितों की भावनाओं का उल्लेख होगा।
कार्यकारिणी को लगा कि ओलम्पिक जैसे अहम खेल आयोजन का पूरी तरह बहिष्कार करना उचित नहीं होगा। इसके उन खिलाड़ियों को नुकसान होगा, जो इसमें हिस्सा लेने का सपना मन में लिए हुए तैयारी करते हैं। साथ ही यह ओलम्पिक अभियान के वसूलों के खिलाफ है।
आईओए के कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने भी डाओ को प्रायोजकों की सूची से बाहर करने की मांग की है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 15, 2011, 20:54