Last Updated: Thursday, September 13, 2012, 19:58

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) को अपने आगामी चुनावों के लिए सरकार द्वारा तय खेल संहिता का पालन करने का निर्देश दिया है। ये चुनाव इस साल अक्टूबर या नवम्बर में होने हैं।
न्यायालय ने यह भी कहा कि सुरेश कलमाडी इस चुनाव में खड़े होने की योग्यता नहीं रखते। न्यायालय ने कहा कि संहिता के मुताबिक कलमाडी अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ सकते। साथ ही साथ वह इस पद पर बने रहने की योग्यता भी गंवा चुके हैं, ऐसे में वह अध्यक्ष क्यों बने रहना चाहते हैं। राष्ट्रीय खेल विकास संहिता-2011 के अंतर्गत आईओए का कोई भी अध्यक्ष 12 साल तक पद पर बने नहीं रह सकता लेकिन कलमाडी बीते 18 साल से इस संघ के प्रमुख हैं।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश एके सिकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने कहा कि आईओए के चुनाव सरकार द्वारा तय खेल संहिता के आधार पर ही होने चाहिए। इस संहिता में कहा गया है कि किसी भी खेल संघ के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष, जिनकी उम्र 70 साल से अधिक न हो, आईओए के प्रमुख पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि सचिव और कोषाध्यक्ष का कार्यकाल अधिक से अधिक आठ साल (4-4 साल की दो अवधि) का होगा। इस लिहाज से ललित भनोट और वीके वर्मा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। भनोट महासचिव और वर्मा कोषाध्यक्ष हैं।
न्यायायल का यह निर्देश वकील राहुल मेहरा की उस याचिका की सुनवाई के बाद जारी किया गया, जिन्होंने सरकारी संहिता के आधार पर आईओए में चुनाव कराने की मांग की थी। न्यायालय ने कहा कि संहिता के मुताबिक कलमाडी अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ सकते। साथ ही साथ वह इस पद पर बने रहने की योग्यता भी गंवा चुके हैं, ऐसे में वह अध्यक्ष क्यों बने रहना चाहते हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 13, 2012, 19:58