Last Updated: Thursday, February 14, 2013, 15:17

अहमदाबाद : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुश्ती को 2020 ओलंपिक कार्यक्रम से हटाने के आईओसी के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपील की कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करके सुनिश्चित करें कि यह खेल ओलंपिक से बाहर नहीं हो। मोदी ने केंद्र सरकार से कुछ देशों का समूह बनाने और सितंबर में आखिरी फैसला आने से पहले अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रस्तावित कदम के खिलाफ सामूहिक आवाज उठाने का आग्रह किया।
मोदी ने राज्य के वार्षिक खेल समारोह ‘खेल महाकुंभ’ के समापन समारोह में कहा, ‘प्रधानमंत्री, भारत सरकार को सितंबर में होने वाले आखिरी फैसले का इंतजार नहीं करना चाहिए। उसे पहल करनी चाहिए। उसे कुश्ती से जुड़े लोगों को साथ में लेकर इस कदम का विरोध करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हमें संगठन बनाकर मजबूती के साथ अपना पक्ष रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कुश्ती ओलंपिक से बाहर नहीं हो।’
मोदी ने कहा कि कुश्ती 1896 से ही ओलंपिक खेलों का हिस्सा है और एशियाई देशों ने इसमें अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, ‘कुश्ती को आधुनिक खेल नहीं कहना अपमान है। यह पारंपरिक खेल है। यह खेल ओलंपिक का हिस्सा बना रहे इसके लिए एशियाई देशों और लोगों को आगे आना होगा।’ मोदी ने कहा कि आधुनिकता के नाम पर कुश्ती का विरोध करना इस खेल का अपमान है जो कि महाभारत के दिनों से समाज का हिस्सा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘खेलों में किसी तरह का खेल (राजनीति) नहीं होना चाहिए। किसी भी खेल प्रेमी के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। कुश्ती सबसे पुराने खेलों में से एक है।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 14, 2013, 15:17