Last Updated: Saturday, March 23, 2013, 12:43

नई दिल्ली : फिरोजशाह कोटला स्टेडियम की पिच की चर्चा आस्ट्रेलिया में जोरों पर है। वहां के एक प्रमुख समाचार पत्र ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रवि शास्त्री के उस बयान को प्रमुखता दी है, जिसमें उन्होंने कहा, `अगर एक सौंदर्य प्रतियोगिता कराई जाए तो कोटला की पिच फिसड्डी रहेगी।` कोटला की पिच खबरों में न हो, ऐसा कैसे हो सकता था। शास्त्री का यह बयान इसलिए सामने आया क्योंकि वर्ष 2009 में खेले गए एक एकदिवसीय मैच के दौरान क्रिकेट के लिए `अशोभनीय` करार दिए गए इस पिच ने भारत और आस्ट्रेलिया के बीच जारी चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन शुक्रवार को ही सबको हैरान कर दिया।
पहले दिन फेंके गए 98 ओवरों के बाद पिच की जो हालत है, उसे देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि चौथा टेस्ट मैच अधिक से अधिक चार दिनों तक ही चल पाएगा। इसका कारण यह है कि पहली गेंद फेंके जाने के साथ ही इस पिच की दरार उभरकर सामने आ गई।
इस बात ने भारतीय स्पिनरों के चेहरों पर खुशी ला दी लेकिन मेहमान टीम के खेमे में निराशा के भाव दिखे। पिच की असमान उछाल और जोरदार स्पिन के बीच रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा सम्मिलित रूप से छह विकेट अपने झोली में डालने में सफल रहे।
जब पिच ताजा थी और दरार भी कम थे, तभी इशांत शर्मा ने दो विकेट लेकर आस्ट्रेलिया को शुरुआती झटके दे दिए थे। मैच के शुरुआत में ही इशांत की एक गुडलेंथ बॉल काफी तेजी से उछली और मेहमान बल्लेबाज फिलिप ह्यूज के हेलमेट की जाली से जाकर टकराई। यह नजारा किसी को पसंद नहीं होता है। न तो बल्लेबाजी करने वाली टीम इसे पसंद करती है और न ही गेंदबाजी करने वाली टीम, क्योंकि इसी पिच पर दोनों टीमों को बल्लेबाजी करनी होती है।
मेहमान टीम तो इसे देखकर और भी खुश नहीं होगी, क्योंकि स्पिनरों को मदद पहुंचा रही इस पिच पर उसने सिर्फ एक विशेषज्ञ स्पिनर के साथ खेलने का फैसला किया है। टीवी कमेंटेटर, भारतीय टीम के सभी पूर्व स्टार खिलाड़ी मैच से पूर्व पिच पर थे और सभी ने एक स्वर में कहा कि यह पिच स्तरीय नहीं है और इस पर खेल चार दिनों से अधिक नहीं चलेगा। नतीजा किसके पक्ष में रहेगा, यह इशारे-इशारे में साफ किया गया, जिसमें भारत का नाम छुपा था।
भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण और पूर्व कप्तान शास्त्री ने इस पिच को `तीसरे दिन` जैसी पिच करार दिया। शास्त्री ने पिच रिपोर्ट में साफ कहा कि वह मैच के समय से पूर्व समाप्त होने की उम्मीद कर रहे हैं। समाचार पत्र `सिडनी मार्निग हेराल्ड` ने शास्त्री के उस बयान को प्रमुखता दी है, जिसमें उन्होंने मैच से पहले ही इस पिच के बेमिजाज होने की पुष्टि कर दी थी।
कोटला की पिच इससे पहले 2009 में खबरों में आई थी, जब भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया एकदिवसीय मैच रद्द कर दिया गया था। कारण, पिच स्तरीय नहीं थी और असमान उछाल ले रही थी। इसके बाद नाराज आईसीसी ने कोटला में मैच कराने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे 2011 में भारत में हुए विश्व कप से पहले हटाया गया और कोटला में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 23, 2013, 10:07