Last Updated: Monday, January 7, 2013, 09:23

नई दिल्ली : बल्लेबाजों के लगातार तीसरे मैच में फ्लाप शो के बावजूद भारतीय गेंदबाजों ने प्रतिष्ठा से जुड़े तीसरे और आखिरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में रविवार को यहां छोटे स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव करके भारत को दस रन की रोमांचक जीत दिलाई और पाकिस्तान की क्लीनस्वीप की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी भारतीय टीम जब 43. 4 ओवर में 167 रन पर आउट हो गई तो दर्शकों का जोश ठंडा पड़ गया। लेकिन गेंदबाजों ने जबर्दस्त जज्बे और अनुशासन का प्रदर्शन करके पाकिस्तान को 48. 5 ओवर में 157 रन पर ढेर हो गई। चेन्नई में छह विकेट और कोलकाता में 85 रन से जीत दर्ज करने वाले पाकिस्तान ने इस तरह से तीन मैचों की श्रृंखला 2-1 से जीती। भारतीय बल्लेबाज नहीं चल पाए लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के 36, सुरेश रैना के 31 और रविंदर जडेजा के 27 रन आखिर में कीमती साबित हुए।
सईद अजमल का करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (24 रन देकर पांच विकेट) बेकार चला गया।
भुवनेश्वर कुमार (31 रन देकर दो विकेट) ने भारतीयों की उम्मीद जगाई जिसे इशांत शर्मा (36 रन देकर तीन विकेट) और रविचंद्रन अश्विन (47 रन देकर दो विकेट) ने पंख लगाए। शमी अहमद और जडेजा ने भी महत्वपूर्ण मौकों पर एक एक विकेट लिए और भारत फिरोजशाह कोटला पर पहली बार पाकिस्तान को हराने में सफल रहा।
पाकिस्तान की तरफ से कप्तान मिसबाह उल हक ने 39 और पिछले दो मैचों में शतक जड़ने वाले नासिर जमशेद ने 34 रन बनाये।
भुवनेश्वर ने भारत को मनमाफिक शुरुआत दिलायी। उत्तर प्रदेश के इस युवा गेंदबाज ने कामरान अकमल (शून्य) और यूनिस खान (6 ) को अंदर आती गेंदों पर आउट करके पाकिस्तान का स्कोर दो विकेट पर 14 कर दिया। अपना पहला वनडे खेल रहे शमी ने भी शुरू से सही लाइन पकड़ी और बल्लेबाजों को खासा परेशान किया। पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने इसके बाद जोखिम नहीं उठाया। धोनी ने भुवनेश्वर से लगातार दस ओवर करवाये और 21वें ओवर में अश्विन को गेंद सौंपी। इस आफ स्पिनर ने जमशेद को एलबीडब्ल्यू आउट करके भारतीयों की उम्मीद जगा दी। बिली बोडेन का फैसला हालांकि संदेहास्पद था क्योंकि लग रहा था कि गेंद तब ग्लब्स को चूमकर पैड पर लगी थी।
मिसबाह ने हमेशा की तरह पिच पर पांव जमाने में समय लगाया। पाकिस्तान ने तेजी से रन नहीं बनाये लेकिन भारत भी इस बीच विकेट नहीं ले पाये जिससे दर्शक हताश हो गये। अश्विन ने ऐसे में मिसबाह की धीमी और उदास पारी का अंत कर दिया जबकि इशांत शर्मा ने नये बल्लेबाज शोएब मलिक को एलबीडब्ल्यू आउट करके घर का रुख कर रहे दर्शकों को फिर से सीट थामने के लिये मजबूर किया।
कोटला पर फिर से समां बंधने लगा था। कड़कड़ाती ठंड में दर्शकों का जोश जागने लगा था। उमर अकमल (25) ऐसे में रविंदर जडेजा की गेंद खेलने के लिये आगे बढ़ गये। उनके चूकते ही धोनी ने बाकी काम पूरा किया और कोटला में शोर का डेसीबल में तुंरत ही इजाफा हो गया।
अब ऐसे में कोई कैच टपका दे तो निराश होना स्वाभाविक है। अंजिक्य रहाणे ने मोहम्मद हफीज को जीवनदान देकर यही काम किया। अंपायर सुधीर असनानी ने अश्विन की उमर गुल (11) के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की विश्वसनीय अपील ठुकराकर भारतीयों की निराशा बढ़ायी।
बहरहाल ने गुल ने इशांत की गेंद को लांग आन पर जडेजा के हाथों में थमाकर मैच को रोमांचक बना दिया। शमी ने सईद अजमल को धोनी के हाथों कैच कराकर अपना पहला विकेट लिया। धोनी 200 कैच लेने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने। जुनैद खान रन आउट हो गये। शमी पदार्पण पर चार मेडन करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने। इशांत ने रन आउट का मौका गंवाया लेकिन उनकी अगली गेंद पर युवराज सिंह ने मोहम्मद हफीज (21) का कैच लेकर भारत को जीत दिला दी।
इससे पहले धोनी ने बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन इरफान और जुनैद की तेज और स्विंग लेती गेंदों के सामने भारत का शीर्ष क्रम नहीं चल पाया। वीरेंद्र सहवाग को लगातार लचर प्रदर्शन के कारण बाहर किया गया लेकिन उनकी जगह टीम में लिये गये अजिंक्य रहाणे (4) फिर मौके का फायदा उठाने में नाकाम रहे और इरफान की गेंद पर ड्राइव करने की कोशिश में विकेटकीपर कामरान को कैच दे बैठे।
अब दिल्ली के दो खिलाड़ी गौतम गंभीर और विराट कोहली क्रीज पर थे। दर्शकों में जोश था लेकिन जल्द ही उनका उत्साह ठंडा पड़ गया। गंभीर (15) ने इरफान की उठती गेंद पर कट करने के प्रयास में प्वाइंट पर कैच थमाकर अपना विकेट इनाम में दिया जबकि कोहली (7) ने जुनैद की गेंद को शरीर का इस्तेमाल किये बिना रक्षात्मक खेलना चाहा लेकिन वह उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर स्लिप में यूनिस खान के सुरक्षित हाथों में चली गई। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 6, 2013, 20:28