Last Updated: Tuesday, January 8, 2013, 18:20
ज़ी न्यूज स्पोर्ट्स ब्यूरो नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी वाकई में कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उनके आत्मविश्वास में इतनी कमी आ गई है कि उसे बढ़ाने के लिए उनकी पीठ थपथपानी पड़ रही है। पाकिस्तान के साथ कोटला में खेले गए अंतिम एकदिवसीय मैच की समाप्ति पर उनका आत्मविश्वास मैन आफ द मैच पुरस्कार देकर बढ़ाया गया।
समाचार पत्र ‘टाइम्स आफ इंडिया’ में मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को कोटला में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए तीसरे एकदिवसीय मैच में मैन आफ द मैच पुरस्कार के लिए धोनी पहले पंसद नहीं थे। धोनी को यह पुरस्कार केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए दिया गया।
समाचार पत्र ने मैन आफ द मैच पुरस्कार का चयन करने वाली समिति में शामिल एक पूर्व क्रिकेटर के हवाले से कहा कि चूंकि टीम इंडिया पिछले कुछ समय से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है, इसलिए यह पुरस्कार धोनी को देने का फैसला किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक धोनी को मैन आफ द मैच का पुरस्कार दिया जाना कई लोगों के लिए हैरानी भरा रहा। पुरस्कार की घोषणा से पहले लोगों को लग रहा था कि रवींद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार और सईद अजमल जैसे खिलाड़ी इस पुरस्कार के प्रबल दावेदार हैं।
कोटला एकदिवसीय में धोनी ने भारत की ओर से सर्वाधिक 36 रन की पारी खेली और विकेटकीपिंग करते हुए दो खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा। धोनी के अलावा जिन खिलाड़ियों ने प्रभावित किया उनमें रवींद्र जडेजा, सईद अजमल और भुवनेश्वर कुमार थे।
जडेजा ने टीम के लिए महत्वपूर्ण 27 रन बनाए और 10 ओवर की गेंदबाजी में मात्र 19 रन देकर एक विकेट लिया। इसके अलावा उन्होंने उमर गुल का शानदार कैच लपका था। जबकि अजमल ने काफी किफायती गेंदबाजी करते हुए 9.4 ओवर में 24 रन देकर पांच विकेट लिए। वहीं, तेज गेंदबाज बी. कुमार और इशांत शर्मा ने प्रभावशाली गेंदबाजी करते हुए तीन-तीन विकेट लिए।
समाचार पत्र के मुताबिक चेन्नई में खेले गए पहले एकदिवसीय मैच में धोनी को मैन आफ द मैच का पुरस्कार दिए जाने पर पाकिस्तान ने नाखुशी जताई थी।
First Published: Tuesday, January 8, 2013, 16:34