Last Updated: Tuesday, December 4, 2012, 13:48

कोलकाता : चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर होने के बाद भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ बुधवार से शुरू हो रहे तीसरे क्रिकेट टेस्ट के जरिए वापसी की कोशिश करेगी।
मुंबई में टर्निंग विकेट पर दूसरा टेस्ट गंवाने के बाद ईडन गार्डन पर होने वाले मैच की पिच को लेकर विवाद पैदा हो गया था। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टर्निंग विकेट बनाने की हिमायत की जिससे स्थानीय क्यूरेटर प्रबीर मुखर्जी ने उसे ‘अनैतिक और अनुचित’ बताया था।
मामले को सुलझाने के लिए बीसीसीआई ने पूर्वी क्षेत्र के क्यूरेटर आशीष भौमिक को मुखर्जी की मदद के लिए भेजा। पिच को लेकर विवाद इतना सुखिर्यों में रहा कि यह देखना होगा कि क्या मेजबान टीम उसे भुलाकर खेल पर फोकस कर सकेगी।
भारत ने 1984-85 के बाद से किसी श्रृंखला में इंग्लैंड के हाथों पराजय नहीं झेली है। उस समय डेविड गावर की टीम ने 2-1 से जीत दर्ज की थी लेकिन पिछले एक साल में टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। वे नंबर वन से खिसककर रैंकिंग में पांचवें स्थान पर आ गए।
इस मैच में जहां भारत की प्रतिष्ठा दांव पर होगी, वहीं इंग्लैंड भी साबित करना चाहेगा कि वह स्पिन को बखूबी खेलकर भारत में भी जीत दर्ज कर सकता है।
दो टेस्ट में दो शतक जमाने वाले कप्तान एलेस्टेयर कुक के बेहतरीन प्रदर्शन और केविन पीटरसन के उम्दा खेल के दम पर इंग्लैंड ने भारत को वानखेड़े स्टेडियम पर 10 विकेट से हराया था। अहमदाबाद में पहला टेस्ट भारत ने जीता था।
मुंबई में भारत के त्रिकोणीय स्पिन आक्रमण से भी अपेक्षित नतीजे नहीं मिल सके। बल्लेबाजी में चेतेश्वर पुजारा को छोड़कर सभी नाकाम रहे। वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की सलामी जोड़ी का खराब फार्म बदस्तूर जारी रहा। वहीं पिछली दस पारियों में सिर्फ 153 रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर फिर फ्लाप रहे। उन्होंने हालांकि यहां नेट पर घंटों अभ्यास किया है जिससे अच्छी पारी की उम्मीद बंधती है।
विराट कोहली भी इस श्रृंखला में अभी तक नहीं चले हैं। इस पूरे साल अच्छे प्रदर्शन के बावजूद पिछली चार पारियों में वह कोई कमाल नहीं कर सके।
भारत की गेंदबाजी भी पिछले दो टेस्ट में धारदार नहीं रही। हरभजन सिंह की अगुवाई में स्पिनर नाकाम रहे। इंग्लैंड के ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर ने प्रभावित किया लेकिन भारत के आर अश्विन और प्रज्ञान ओझा बेनूर साबित हुए।
तेज गेंदबाज जहीर खान मैच फिटनेस हासिल करने के लिए जूझ रहे हैं। उन्हें ना तो विकेट मिला और ना ही रिवर्स स्विंग।
सौ टेस्ट खेलने से एक मैच दूर हरभजन ईडन गार्डन पर काफी कामयाब रहे हैं। यहां उन्होंने सात टेस्ट में 21.76 की औसत से 46 विकेट लिए हैं जिसमें छह बार एक पारी के पांच से अधिक विकेट चटकाए हैं।
हरभजन को फ्लू हो गया है और उनका खेलना तय नहीं लग रहा। ऐसे में धोनी के लिए गेंदबाजी संयोजन चुनना कठिन होगा क्योंकि वानखेड़े पर तीन स्पिनर और एक तेज गेंदबाज चुनने के लिए उनकी काफी आलोचना हुई थी।
स्पिन गेंदबाजी के सामने इंग्लिश बल्लेबाजों की कमजोरी को भुनाने के लिए ओझा को शामिल किया जा सकता है जबकि अश्विन का खेलना तय है। स्थानीय तेज गेंदबाज अशोक डिंडा को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण की उम्मीद है लेकिन जहीर और ईशांत शर्मा के रहते उन्हें मौका मिलना मुश्किल लग रहा है।
ईडन गार्डन पर भारत ने पिछले तीन टेस्ट में 600 से अधिक रन बनाए हैं। इनमें से दो जीते और एक हारा है। भारत को आखिरी बार यहां पराजय 1998-99 में एशियाई टेस्ट चैम्पियनशिप में पाकिस्तान के हाथों झेलनी पड़ी थी।
शुरू में तेज गेंदबाजों और बाद में स्पिनरों की मदद करने वाले इस विकेट पर एक पखवाड़े पहले बंगाल और गुजरात के बीच रणजी मैच खेला गया था। गुजरात ने मैच ड्रा कराया जब उसके आठवें और नौवे नंबर के बल्लेबाजों ने आखिरी दिन शतकीय साझेदारी की।
इंग्लैंड की टीम में तेज गेंदबाज स्टीव फिन को शामिल किया जा सकता है जो जांघ की चोट से उबर चुके हैं। फिन ने पिछले सप्ताह डी वाय पाटिल अकादमी एकादश के खिलाफ इंग्लैंड परफार्मेंस प्रोग्राम की जीत में 16 ओवर में 50 रन देकर चार विकेट लिए थे। उनके खेलने पर स्टुअर्ट ब्राड को बाहर किया जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 4, 2012, 13:48