क्रिकेट को अब भी तेंदुलकर की जरूरत: श्रीनिवासन

क्रिकेट को अब भी तेंदुलकर की जरूरत: श्रीनिवासन

क्रिकेट को अब भी तेंदुलकर की जरूरत: श्रीनिवासननई दिल्ली : सचिन तेंदुलकर भले ही अपने 40वें जन्मदिन के करीब हों लेकिन बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के अनुसार भारतीय क्रिकेट को अब भी उनकी काफी ‘जरूरत’ है।

श्रीनिवासन मानते हैं कि यह सीनियर बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट से सही समय आने पर संन्यास लेगा।

उन्होंने कहा, ‘वह ऐसा खिलाड़ी है जिसे अगर लगेगा कि उसके पास देश के लिये देने के लिये कुछ ज्यादा नहीं है तो वह अपना स्थान बरकरार नहीं रखेगा।’

‘आउटलुक’ पत्रिका ने तेंदुलकर के 40वें जन्मदिन पर एक विशेष अंक निकाला है। क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख ने आउटलुक से कहा, ‘मुझे इस बात में बिलकुल भी शक नहीं है कि भारतीय क्रिकेट को उसकी जरूरत है और संन्यास लेने का फैसला हम उस पर ही छोड़ते हैं।’

तेंदुलकर पिछले कुछ समय से फार्म में नहीं हैं, जो 24 अप्रैल को 40 वर्ष के हो जायेंगे।

श्रीनिवासन ने कहा, ‘अगर उसे लगता है कि उसमें क्रिकेट बचा है तो हमें उसका सम्मान करना चाहिए और उसे छोड़ देना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रहा है।’ भारतीय क्रिकेट जब भी ‘परफेक्ट रोल मॉडल’ की बात होती है तो कई अन्य की तरह श्रीनिवासन के आदर्श भी तेंदुलकर ही हैं।

उन्होंने कहा, ‘आदर्श और भारतीय क्रिकेट के आइकन के तौर पर कोई भी तेंदुलकर के बराबर नहीं है।’ श्रीनिवासन ने कहा, ‘उसे अब भी क्रिकेट खेलने वाले प्रत्येक देश में दर्शकों से सम्मान मिलता है और वह ऐसा खिलाड़ी है जिसे दर्शक खेलते देखना पसंद करते हैं। मुझे गर्व है कि सचिन भारत के लिये खेलता है।’

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भले ही पिछले कुछ वषरें में विज्ञापन की दुनिया का पसंदीदा खिलाड़ी माना जा रहा हो लेकिन श्रीनिवासन को इसमें कोई संदेह नहीं है कि तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा ब्रांड रहेगा।

उन्होंने कहा,‘इसमें कोई सवाल नहीं उठता कि वह भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा ब्रांड है। वह 24 वर्षों से खेल रहा है और इस दौरान निरंतर रहा है।’ तेंदुलकर के संन्यास से भारतीय क्रिकेट में जो शून्य पैदा होगा, उसे सोचकर ही श्रीनिवासन चिंतित हो जाते हैं।

उन्होंने कहा,‘जब वह क्रिकेट को अलविदा कह देगा तो बड़ा शून्य पैदा हो जायेगा, इस समय हम उसकी भरपायी नहीं कर सकते। सचिन को भारत के लिये चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए देखना आदत सी बन गयी है और इससे हमें एक सहजता का भाव मिलता है।’

श्रीनिवासन ने कहा, ‘उसकी ड्रेसिंग रूम में मौजूदगी, वह जिस तरह से युवाओं को प्रेरित करता है, ये सभी पहलू हैं जिस पर हमें सोचना चाहिए।’ (एजेंसी)

First Published: Friday, April 19, 2013, 20:29

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