Last Updated: Sunday, February 26, 2012, 10:26
सिडनी : ऐसा हो ही नहीं सकता कि भारत सिडनी क्रिकेट ग्राउंड, एससीजी पर आस्ट्रेलिया से खेले और कोई विवाद नहीं हो। वर्ष 2008 में ‘मंकीगेट’ घटना का गवाह रह चुका एससीजी दोनों टीमों के बीच त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला के महत्वपूर्ण मैच के दौरान भी घटनाप्रधान रहा।
आस्ट्रेलिया की पारी के दौरान डेविड हसी के खिलाफ ‘क्षेत्ररक्षण में बाधा’ की अपील ठुकरा दिए जाने के बाद भारतीय पारी के दौरान सचिन तेंदुलकर, 14 का रन आउट काफी तनावपूर्ण बन गया। यह घटना ब्रेट ली के भारतीय पारी के सातवें ओवर की अंतिम गेंद पर हुई। गौतम गंभीर ने तेंदुलकर को एक रन के लिए बुलाया और वह रन के लिए दौड़ पड़े लेकिन डेविड वार्नर ने उन्हें रन आउट कर दिया। लेकिन यहां अहम बात यह रही कि जब तेंदुलकर रन पूरा करने के लिए दौड़ रहे थे जब ली उनके रास्ते में खड़े थे।
ली पिच पर गेंद की ओर दौड़े और फिर बीच में खड़े होकर वार्नर को प्वाइंट से सीधे थ्रो फेंकते हुए देखने लगे। गेंद के विकेट से टकराने पर तेंदुलकर ने हताशा में अपने हाथ हवा में उठा दिए और साफ कर दिया कि वह ली के उनका रास्ता रोकने से खुश नहीं हैं। लेकिन स्क्वायर लेग पर खड़े अंपायर साइमन टोफेल और बिली बोडेन ने चर्चा के बाद बल्लेबाज के खिलाफ फैसला सुनाया।
सीमारेखा के समीप क्षेत्ररक्षण कर रहे ली को इसके बाद भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा के साथ बातचीत करते हुए देखा गया। हालांकि यह नहीं पता चला कि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई और दोनों एक दूसरे को देखकर क्यों हंस रहे थे
। इससे पहले श्रीलंका के खिलाफ पिछले मैच में भी भारत रन आउट ड्रामे का हिस्सा रहा था जब अश्विन ने गेंदबाजी छोर पर लाहिरू थिरिमाने को रन आउट कर दिया था जो चेतावनी देने के बावजूद गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले ही क्रीज छोड़कर काफी आगे निकल रहे थे। तब भारत के कार्यवाहक कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने अपील वापस लेने का फैसला किया था क्योंकि उन्हें लगा था कि यह खेल भावना के विपरीत है।
इससे पहले 2008 में यह मैदान नस्ली विवाद का भी गवाह रहा था। भारतीय आफ स्पिनर हरभजन सिंह और आस्ट्रेलियाई आलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स के बीच हुए इस विवाद को ‘मंकीगेट स्कैंडल’ के नाम से जाना जाता है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 26, 2012, 18:22