Last Updated: Tuesday, October 18, 2011, 08:56
नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ ने राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक के संशोधित मसौदे को ‘भद्दा मजाक’ करार देते हुए इसे राष्ट्रीय खेल महासंघों की स्वायत्ता का गला घोटने वाला करार दिया। आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने यहां एक बयान में कहा, ‘यह अधिक कठोर विधेयक है। अगर यह पारित हो जाता है तो यह आईओए, राष्ट्रीय खेल महासंघों पर बंधन होगा और इससे ओलंपिक चार्टर की स्वायत्ता प्रभावित होगी। हम कभी इसमें पक्ष नहीं बनेंगे।’
प्रस्तावित विधेयक पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मल्होत्रा ने कहा कि विधेयक में संशोधन की पूरी प्रक्रिया ‘समय, उर्जा और धन की बर्बादी’ है। संशोधित मसौदा खेल मंत्री के दुर्भावनापूर्ण अभियान का हिस्सा है जो उन्होंने आईओए और राष्ट्रीय खेल महासंघों के खिलाफ चलाया है। हम इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं इसे नई बोतल में पुरानी शराब भी नहीं कहूंगा। अगर खेलमंत्री अजय माकन को लगता है कि वह अपनी योजना में कामयाब रहेंगे तो यह उनकी गलती है।’
मल्होत्रा ने कहा, ‘पहले के मसौदे में से एक पैरा या कुछ पंक्तियां हटाना और बीसीसीआई को संतुष्ट करने का प्रयास करना इसे संशोधित विधेयक नहीं बना देता।’ आईओए प्रमुख ने कहा कि वह देश में ओलंपिक अभियान को ध्वस्त करने के माकन के जुनून से हैरान हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति पहले ही भारत को चेता चुकी है कि अगर आईओए और खेल संघ अपनी स्वायत्ता गंवाते हैं तो भारत को संभवत: अगले साल लंदन ओलंपिक में हिस्सा लेने की स्वीकृति नहीं दी जाए।
उन्होंने कहा, ‘मिस्टर माकन की योजना क्या है, अगर वह चाहते हैं कि भारत ओलंपिक अभियान से बाहर हो जाए तो उन्हें ऐसा कहने दीजिए। तब उनके साथ हमारा कोई झगड़ा नहीं रहेगा। लेकिन अगर वह उम्मीद करते हैं कि आईओए और राष्ट्रीय खेल महासंघ उनके मंत्रालय के अधीन हो जाएंगे तो मैं कहना चाहूंगा कि वह भ्रम की दुनिया में जी रहे हैं।’
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 18, 2011, 14:26