Last Updated: Saturday, October 22, 2011, 11:23
मुंबई : भारत के सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की वनडे श्रृंखला में लगातार दो मैचों में असफल रहने के बाद उन्होंने अपनी गलतियों से सीख ली और तीसरे मैच में अच्छा प्रदर्शन किया।
रहाणे ने चौथे मैच की पूर्व संध्या पर कहा, पहले दो मैचों में मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था और मैं थोड़ा निराश था। मैं वही गलतियां नहीं दोहराना चाहता था। मैं माही (कप्तान महेंद्र सिंह धोनी) और कोच (डंकन फ्लेचर) से बात की और उन्होंने मुझे नैसर्गिक खेलने को कहा जिससे मैं हाल में रन बनाने में सफल रहा। रहाणे को 106 गेंद में 91 रन की विजयी पारी खेलने से मैन ऑफ द मैच चुना गया था। उन्होंने पार्थिव पटेल के साथ मिलकर 71 रन जोड़कर भारत को 300 रन का लक्ष्य हासिल करने में मदद की जिससे भारतीय टीम श्रृंखला में 3-0 की अजेय बढ़त बनाने में सफल रही।
उन्होंने कहा, माही भाई ने मुझसे बात की। मैं क्रीज पर जमने के लिए कुछ समय खुद को देना चाहता था। मैं जानता था कि मैं शॉट बाद में खेल सकता हूं। रहाणे ने कहा, मैं निश्चित रूप से शतक नहीं बना पाने से निराश था लेकिन 91 रन बनाने के बाद अगर आपकी टीम जीत दर्ज करती है तो इससे आपको संतोष मिलता है। इस 23 वर्षीय क्रिकेटर ने कहा, बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए कुछ दबाव होता है लेकिन थोड़ा दबाव अच्छा है क्योंकि इससे आपको ध्यान लगाने में मदद मिलती है।
वानखेड़े स्टेडियम में विश्व चैम्पियन टीम के साथ खेलने के बारे में उन्होंने कहा, यह गर्व महसूस करने वाला क्षण है। विश्व कप के फाइनल में हमने यहां श्रीलंका को हराकर खिताब जीता था। विश्व चैम्पियन टीम का प्रतिनिधित्व करना अच्छा है। यह मेरा घरेलू मैदान है और मेरे लिए काफी बड़ी उपलब्धि है।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, October 22, 2011, 16:53