‘चेस्ट ऑन स्टान्स’ अपना सकते हैं तेंदुलकर: अजहर

‘चेस्ट ऑन स्टान्स’ अपना सकते हैं तेंदुलकर: अजहर

‘चेस्ट ऑन स्टान्स’ अपना सकते हैं तेंदुलकर: अजहरनई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन ने सचिन तेंदुलकर को तेज गेंदबाजों का सामना करते समय ‘चेस्ट आन स्टान्स’ अपनाने की सलाह दी है। तेंदुलकर हाल के समय में अंदर की तरफ आने वाली तेज गेंदों पर बोल्ड हो गये थे जिसके बाद अजहर ने उन्हें बल्लेबाजी में बदलाव की यह सलाह दी।

अजहरूद्दीन का मानना है कि ‘चेस्ट आन स्टान्स’ से तेंदुलकर को गेंद की स्विंग को समझने का थोड़ा अतिरिक्त समय मिल जाएगा और इस तरह के बदलाव से उन्हें दक्षिण अफ्रीका की उछाल वाली पिचों पर मदद मिल सकती है जहां भारत को अगली टेस्ट श्रृंखला खेलनी है।

इस पूर्व भारतीय कप्तान ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘प्रत्येक की स्टान्स का अपना तरीका होता है लेकिन मेरा मानना है कि तेंदुलकर को चेस्ट आन स्टान्स अपनाना चाहिए जिससे वह तेज गेंदबाजों को आसानी से खेल सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ रिफलेक्सन कमजोर पड़ जाते है लेकिन यदि आपके पास तेंदुलकर जैसी तकनीक हो तो आप इससे उबर सकते हो।’

एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके तेंदुलकर पिछली 37 पारियों में आठ बार बोल्ड और दस बार एलबीडब्ल्यू आउट हुए। अपने करियर में 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेलने वाले अजहर ने कहा, ‘साइड आन स्टान्स से आप गेंद को केवल एक आंख से देख सकते हो लेकिन चेस्ट आन स्टान्स से आपको दोनों आंखों से गेंद का आकलन करने में मदद मिलती है। इससे कोई बल्लेबाज स्विंग भी अच्छी तरह खेल सकता है। मैं समझता हूं कि तेंदुलकर को इससे इनस्विंगर खेलने में आसानी होगी। कुछ रन बनाने के बाद वह फिर से अपने साइड आन स्टान्स को अपना सकता है।’

मुरादाबाद से सांसद अजहर ने कहा, ‘शुरू में यह मेरे लिये पीड़ादायक था क्योंकि इससे मेरा दाहिने हाथ का अंगूठा चोटिल हो गया था। इसमें समय लगा लेकिन बाद में यह मेरे काम आया।’

भारतीय क्रिकेट की नई सनसनी शिखर धवन के बारे में अजहर ने कहा कि वह उनकी बल्लेबाजी से प्रभावित हैं लेकिन उनकी असली परीक्षा दक्षिण अफ्रीका में होगी। अजहर ने कहा, ‘शिखर की असली परीक्षा दक्षिण अफ्रीका में डेल स्टेन के खिलाफ होगी। उसे खेलते हुए देखना अच्छा लगता है कि क्योंकि उसका हाई आन हैंडल स्टान्स है। काफी हद तक एलन लैंब और मार्क वा जैसा।’

अजहरूद्दीन ने विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और रोहित शर्मा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘मुझे वे खिलाड़ी पसंद है जो हमेशा रन बनाने की कोशिश करते हैं। विराट और पुजारा का दृष्टिकोण अलग हो लेकिन उनमें यह गुण है। रोहित ने मुझे थोड़ा निराश किया क्योंकि मुझे उनके काफी उम्मीदें थी। वह बहुत प्रतिभाशाली है। ये अगले सात आठ साल तक भारतीय बल्लेबाजी का जिम्मा उठायेंगे।’

हैदराबाद के इस कलात्मक बल्लेबाज ने महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली की कप्तानी की तुलना करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘सौरव ने अपने समय में अच्छा प्रदर्शन किया क्योंकि उन्होंने उपमहाद्वीप के बाहर कई मैच जिताये हैं। जहां तक धोनी का संबंध है तो परिणाम सारी कहानी कहते हैं। वह सफल रहे हैं और आप सफलता के खिलाफ कोई बहस नहीं कर सकते। एक समय ऐसा भी था जब उसने लगातार आठ टेस्ट मैच गंवाये थे और मुझे लगता है कि उसे विश्राम की जरूरत है।’ (एजेंसी)

First Published: Friday, July 19, 2013, 18:51

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