Last Updated: Sunday, September 11, 2011, 06:15
एजेंसी. दिन रविवार और भारत- पाकिस्तान के बीच फाइनल मैच. इससे मजेदार बात और क्या हो सकती है, जब दो चिर-प्रतिद्वंद्वी टीम एशियाई चैंपियन्स ट्राफी हाकी टूर्नामेंट के फाइनल में आमने- सामने होंगे.
इन दोनों टीमों के बीच शुक्रवार को लीग चरण का मैच 2-2 से बराबर छूटा था और अब इन पारपंरिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच एक और रोमांचक मैच के लिए मंच सज चुका है. ग्रुप मैच में भारत ने 0-2 से पिछड़ने के बाद वापसी की और मैच बराबर करवाया. दोनों टीमों ने तब फाइनल में पहुंचने के लिए काफी सतर्कता बरती.
जब एक दूसरे के खिलाफ भिड़ने की बात होती है तो फिर कोई भी हारना नहीं चाहता. भारत अब तक टूर्नामेंट में अजेय टीम है. भारत के लिए उसकी फारवर्ड लाइन इस टूर्नामेंट में सबसे बड़ी ट्रंप कार्ड रही है. उसने जब से चीन को 5-0 से हराया तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा. इस बीच भारतीय टीम ने दो बार पिछड़ने के बाद वापसी की.
यदि भारतीय टीम प्रबंधन किसी चीज को लेकर चिंतित है तो वह पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलने में नाकाम रहना. कोच नोब्स हालांकि इसको लेकर बहुत चिंतित नहीं हैं लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि खिलाड़ियों पर दबाव होता है.
भारत को टूर्नामेंट में अभी तक 23 पेनाल्टी कार्नर मिले और इनमें से वह केवल तीन को ही गोल में तब्दील कर पाया. रूपिंदर पाल सिंह ने पेनाल्टी कार्नर पर दो गोल करने के अलावा एक पेनाल्टी स्ट्रोक को भी गोल में बदला.
अंपायरिंग में इसके लिए स्थिति स्पष्ट करने की जरूरत है, लेकिन केवल नियम के कारण ही नहीं भारतीय खिलाड़ी गेंद को सही तरह से ट्रैप करने में भी नाकाम रहे हैं तथा पाकिस्तान के खिलाफ प्रत्येक पेनाल्टी कार्नर काफी कीमती होगा और उसमें गलती महंगी पड़ सकती है.
भारत आक्रमण के लिए सब कुछ झोंक देगा. पाकिस्तान के कप्तान मोहम्मद इमरान भी भारत-पाकिस्तान फाइनल होने के कारण दबाव महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि दोनों टीमें जीते. दुर्भाग्य से केवल एक देश ही जीत सकता है और इससे दबाब बढ़ता है. लेकिन उम्मीद है कि एशियाई शैली की अच्छी और आक्रामक हाकी देखने को मिलेगी.
First Published: Sunday, September 11, 2011, 15:41