Last Updated: Thursday, October 18, 2012, 09:24

केपटाउन : मुम्बई इंडियंस प्रतियोगिता में बने रहने के लिए आज चैम्पियंस लीग-2012 में इंग्लैंड की यॉर्कशायर टीम से जीतने के लिए पूरे दमखम से उतरेगी। मुम्बई को दक्षिण अफ्रीका के लायंस क्लब ने 14 अक्टूबर को जोहांसबर्ग में आठ विकेट से हराया था। यह हार मुम्बई के लिए शर्मनाक थी क्योंकि मौजूदा चैम्पियन होने के नाते वह इस संस्करण की मनमाफिक शुरुआत नहीं कर सकी और बड़े अंतर से मैच गंवाने पर मजबूर हुई।
यॉर्कशायर का भी अपने पहले मुकाबले में वही हश्र हुआ, जो पहले मैच में मुम्बई का हुआ था। उसे सिडनी सिक्सर्स ने आठ विकेट से हराया था।
दिन बदल चुका है लेकिन मुम्बई इंडियंस के लिए हालात नहीं बदले हैं। उसे अब भी पहले मैच में मिली हार का गम साल रहा होगा और हरभजन सिंह की कप्तानी वाली यह टीम हर हाल में जीत का खाता खोलते हुए इस गम को कम करने का प्रयास करेगी।
मुम्बई के लिए यह मैच जीतना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उसे सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए अब आगे के अपने सभी तीन मैच जीतने हैं। इस ग्रुप में अभी से ही सेमीफाइनल की दौड़ शुरू हो चुकी है। सिक्सर्स और लायंस के खाते में आठ-आठ अंक हैं और गुरुवार को होने वाले पहले मुकाबले में जीतने वाली कोई एक टीम सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का कर लेगी।
हारने वाली टीम को फिर से एक और जीत की तलाश होगी लेकिन इससे मुम्बई की उम्मीद नहीं खत्म होगी। हां, अगर वह यॉर्कशायर से हार जाती है तो निश्चित तौर पर उसकी उम्मीदों पर कुठाराघात होगा और फिर उसे अन्य मुकाबले जीतने के अलावा दूसरी टीमों की दया पर आश्रित रहना होगा।
लायंस के खिलाफ मुम्बई इंडियंस ने खराब प्रदर्शन नहीं किया था बल्कि यूं कहें कि लायंस ने उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन करके उससे मैच छीन लिया था। मुम्बई ने 157 रन बनाए थे, जो एक अच्छा स्कोर माना जाता है लेकिन उसके बल्लेबाज अच्छी शुरुआत का व्यक्तिगत लाभ नहीं ले सके थे। यह बात मुम्बई के खिलाफ गई।
गेंदबाजी में लसिथ मलिंगा को छोड़कर कोई और प्रभावित नहीं कर सका। मिशेल जानसन, हरभजन और प्रज्ञान ओझा जैसे विशेषज्ञों के नाकाम रहने के बाद किसी भी टीम को हार मिल सकती है। ऐसे में अब मुम्बई को आत्मचिंतन करते हुए अपने प्रदर्शन में सुधार लाना होगा और खाता खोलने का प्रयास करना होगा।
यॉर्कशायर ने सिक्सर्स के खिलाफ बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया। उसके बल्लेबाज ऐसा खेल रहे थे मानो वह एकदिवसीय मैच खेल रहे हों। और फिर गेंदबाजों ने बचा-खुचा काम कर दिया। गेंदबाजों के पास दरअसल करने के लिए कुछ था ही नहीं क्योंकि बल्लेबाजों ने सिर्फ 96 रन बटोरे थे। अब जबकि यॉर्कशायर का सामना मुम्बई जैसी स्तरीय टीम के साथ होने जा रहा है, उसे अपने प्रदर्शन के ग्राफ को ऊंचा उठाना होगा नहीं तो उसे निश्चित तौर पर बाहर का रास्ता देखना पड़ सकता है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 18, 2012, 09:12