Last Updated: Thursday, February 9, 2012, 10:05
एडीलेड : त्रिकोणीय श्रृंखला के पहले दो मैचों में नाकाम रहे मध्यक्रम के प्रतिभाशाली बल्लेबाज रोहित शर्मा टीम से बाहर होने की कगार पर पहुंच गए हैं ।
उनके अपने साथी खिलाड़ी उन्हें इस तरह के संकेत दे रहे हैं । पूरी टेस्ट श्रृंखला में बेंच पर रहे रोहित वनडे श्रृंखला के पहले दो मैचों में नाकाम रहे । इसके अलावा उन्हें यह जताया जा रहा है कि वह तीन सीनियर सलामी बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की एवज में टीम में हैं ।
श्रीलंका पर कल चार विकेट से जीत दर्ज करने के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि रोहित की वजह से तीन सीनियर बल्लेबाजों को रोटेट किया जा रहा है ।
धोनी ने कहा था ,‘ एडीलेड में भी हम रोटेशन अपनायेंगे । मैं चाहता हूं कि रोहित ज्यादा से ज्यादा मैच खेले । उसे जमने का मौका मिल सके । टूर्नामेंट के पहले चरण में हम उसे मौके दे सकते हैं ।’
यह बयान काबिले तारीफ है लेकिन रोहित को बलि का कबरा नहीं बनाया जाना चाहिये क्योंकि दूसरे युवा सुरेश रैना भी पहले दो वनडे में कोई कमाल नहीं कर सके । मध्यक्रम के तीन युवा बल्लेबाजों में से सिर्फ विराट कोहली ही चल सके हैं। रैना ने विश्व कप के बाद से 22 मैचों में सिर्फ दो अर्धशतक जमाये हैं जबकि रोहित ने 13 मैचों में छह अर्धशतक लगाये हैं । विश्व कप के बाद से रैना का सर्वश्रेष्ठ औसत 44 रहा है जबकि रोहित ने विश्व कप के बाद दो श्रृंखलाओं में 128 और 78 की औसत से रन बनाये हैं ।
मध्यक्रम में एक युवा बल्लेबाज को जगह देने के लिये सीनियर खिलाड़ियों को रोटेट करने का विचार अच्छा है लेकिन रोहित को इसका कारण बताना गलत है ।
रोटेशन के कारण के बारे में पूछे जाने पर दोटूक बोलने वाले वीरेंद्र सहवाग ने भी किसी का नाम नहीं लिया था । उन्होंने इतना कहा था कि युवाओं को आस्ट्रेलियाई हालात का अनुभव दिलाने के लिये ऐसा किया जा रहा है ।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 9, 2012, 15:37