टेस्ट क्रिकेट तना है जबकि टी20 और वनडे इसकी शाखाएं हैं: द्रविड़

टेस्ट क्रिकेट तना है जबकि टी20 और वनडे इसकी शाखाएं हैं: द्रविड़

टेस्ट क्रिकेट तना है जबकि टी20 और वनडे इसकी शाखाएं हैं: द्रविड़ लंदन : टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को बचाने की अपील करते हुए भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने गुलाबी गेंद के इस्तेमाल के साथ दिन रात्रि मैचों को शुरू करने का सुझाव दिया है। उन्होंने इस दौरान खेल के पारंपरिक प्रारूप की तुलना पेड़ के तने से भी की। द्रविड़ ने कहा, लंबा प्रारूप टेस्ट क्रिकेट पेड़ के तने की तरह हैं और लघु प्रारूप टी20 या वनडे इसकी शाखाओं की तरह है।

द्रविड़ ने कहा, मुझे लगता है कि हम संभवत: उस स्थिति में पहुंचने से सिर्फ एक पीढ़ी दूर हैं जब हमारा पूरा युवा ढांचा सिर्फ टी20 पर ध्यान देगा और टेस्ट क्रिकेट को कोई तवज्जो नहीं देगा। इस महान बल्लेबाज ने उस समय खेल के लंबे प्रारूप को लोकप्रिय बनाने के लिए अपने सुझाव दिए हैं जब टेस्ट क्रिकेट को टी20 प्रारूप की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, अगर इसका मतलब यह हुआ कि प्रथम श्रेणी और टेस्ट खिलाड़ियों को अधिक लुभावने अनुबंध दिए जाएं तो लेखाकरों को इस काम में लगाया जाना चाहिए। यहां द ओवल में ईएसपीएन क्रिकइंफो के ‘द फ्यूचर आफ टेस्ट क्रिकेट इन माडर्न ऐज’ कार्यक्रम में द्रविड़ ने कहा, अगर इसका मतलब दिन रात्रि क्रिकेट खेलना है तो हमें ऐसा प्रयास करना चाहिए और विकल्प खुले रखने चाहिए। अगर हम टेस्ट क्रिकेट को दूधिया रोशनी में खेलेंगे तो इससे खेल की परंपरा को खतरा नहीं होगा। मुझे पता है कि गुलाबी गेंद के टिकने को लेकर संशय है लेकिन एमसीसी की ओर से खेलते हुए मुझे इससे खेलने का कुछ अनुभव है और यह ठीक ठाक लग रही थी।

द्रविड़ ने कहा, लंबा प्रारूप टेस्ट क्रिकेट पेड़ के तने की तरह हैं और लघु प्रारूप टी20 या वनडे इसकी शाखाओं की तरह है। इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, निष्पक्ष होकर कहूं तो शाखाओं पर फल लगते हैं और इसलिए वे सबकी नजरों का आकषर्ण होती हैं। दूसरी तरफ तना पुराना और बड़ा हिस्सा होता है जो काफी लंबे समय में उंचा और मोटा होता है। लेकिन असल में यही जीवन का स्रोत है। तने को तोड़ दीजिए या काट दीजिए तो सभी शाखाए गिर जाएंगी और फल सूख जाएगा। द्रविड़ ने कहा, टेस्ट किकेट ने पूरी शताब्दी के दौरान अपना लचीलापन साबित किया है। हमें यह समझना होगा कि अतीत कितना भी संकटपूर्ण रहा हो यह अपने इतिहास के काफी नाजुक मौके पर पहुंच गया है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, August 20, 2013, 17:03

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