Last Updated: Sunday, September 8, 2013, 15:24

ब्यूनस आयर्स : तोक्यो ने दूसरी बार ओलंपिक खेलों की मेजबानी का अधिकार हासिल किया। फुकुशिमा नाभीकीय संयंत्र से विकिरण की चिंताओं के बावजूद वह दुनिया के सबसे बड़े खेल महाकुंभ के 2020 सत्र की मेजबानी हासिल करने में सफल रहा।
तोक्यो में लोगों ने ब्यूनस आयर्स में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा जापान की राजधानी को 2020 समर ओलंपिक की मेजबानी के लिये चुने जाने का जश्न मनाया। करीब 2000 लोग कोमाजावा ओलंपिक पार्क जिम्नेजियम में लगी बड़ी स्क्रीन पर आईओसी की बैठक का सीधा प्रसारण देख रहे थे। जैसे ही आईओसी अध्यक्ष जाक रोगे ने मतदान के परिणाम वाला लिफाफा खोला और उन्होंने सुबह करीब सवा पांच बजे जब नतीजा पढ़ा तो लोग खुशी से झूम उठे।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के सदस्यों ने ब्यूनस आयर्स में हुई बैठक में इस्तांबुल के बजाय जापान की राजधानी को चुना, जो 1964 में खेलों का आयोजन कर चुकी है। मैड्रिड को कल नाटकीय ढंग से पहले राउंड के बाद बाहर कर दिया गया था। लोगों ने तोक्यो में इकट्ठे होकर धूमधाम से जश्न मनाया जबकि परिणाम तड़के ही निकला।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में ‘जी20 समिट’ से अर्जेंटीना की राजधानी पहुंचे थे। उन्होंने चिंतित सदस्यों को शहर से 220 किमी (140 मील) की दूरी पर नाभीकीय संयंत्र से सुरक्षा के बारे में बताया और इससे संदूषित पानी के रिसाव की चिंताओं पर भी सदस्यों को आश्वस्त किया। उन्होंने दल को बताया कि हालात ‘काबू’ में हैं और साथ ही कहा, इसने कभी भी नुकसान नहीं पहुंचाया और कभी भी तोक्यो को कभी नुकसान नहीं पहुंचायेगा।
तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन के फुकुशिमा आपरेटर ने भी एक अलग संदेश में संभावित विकिरणों के फैलने की चिंताओं को खारिज किया। आईओसी ने कहा कि तोक्यो को अंतिम फैसले में 60 मत मिले जबकि इस्तांबुल को 36 वोट मिले। दावेदारी के अंतिम दिन में फुकुशिमा पर चिंतायें काफी बढ़ गयी थी लेकिन अबे ने आईओसी के सदस्यों को पूरी तरह से आश्वस्त कर दिया। 2011 में भूकंप और सूनामी से फुकुशिमा नाभीकीय संयंत्र को काफी नुकसान हुआ था, जिसमें 18,000 से अधिक लोग मारे गये थे।
वर्ष 2016 खेलों में रियो डि जिनेरियो ने मेजबानी अधिकार हासिल किये थे, जिसमें तोक्यो तीसरे स्थान पर रहा था। तोक्यो पहले सबसे आगे चल रहा था क्योंकि उसने सुरक्षित और वित्तीय रूप से सुरक्षित खेलों का वादा किया था।
इस फैसले का मतलब है कि यह चौथी बार है जब जापान ओलंपिक की मेजबानी करेगा, इससे पहले उसने नागानो (1998) और सापोरो (1972) में विंटर खेलों का आयोजन किया था। एशिया भी सफल ओलंपिक की मेजबानी करेगा क्योंकि दक्षिण कोरिया का पेंगचांग रिजार्ट 2018 विंटर सत्र का आयोजन करेगा।
मैड्रिड ने जुलाई में लुसाने में आईओसी के सदस्यों को शानदार प्रस्तुतिकरण दिया था और उन्हें रियो डि जिनेरियो की तरह मेजबानी अधिकार हासिल करने की उम्मीद थी लेकिन वह जीत नहीं सका। स्पेन की अर्थव्यवस्था से जुड़े संशय अंत तक बरकरार रहे और प्रधानमंत्री मरियानो राजॉय का यह कहना भी कि वित्तीय संबंधी कोई समस्या नहीं होगी आईओसी सदस्यों को आश्वस्त नहीं कर सका।
इस्तांबुल उम्मीद कर रहा था कि तुर्की ओलंपिक की मेजबानी करने वाला पहला मुस्लिम देश बन जायेगा। लेकिन जून में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के प्रति कड़े रवैये और सीरिया में गृह युद्ध ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 8, 2013, 09:19