Last Updated: Wednesday, September 26, 2012, 15:26

नई दिल्ली: क्रिकेट पंडितों ने ट्वेंटी-20 क्रिकेट के मिजाज को देखते हुए श्रीलंका में चल रही आईसीसी टी20 चैंपियनशिप में बड़े उलटफेरों की संभावना व्यक्त की थी लेकिन इस टूर्नामेंट में छोटी टीमें फिसड्डी साबित हुई और उन्हें लीग चरण से ही अपना बोरिया बिस्तर बांधना पड़ा। बांग्लादेश, आयरलैंड, अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे से बड़ी उम्मीदें की जा रही थी लेकिन इन टीमों के प्रदर्शन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद भी निराश होगी जो क्रिकेट के इस छोटे प्रारूप के जरिये खेल को विश्व स्तर पर पहुंचाने की कवायद में जुटी है। आईसीसी टी-20 चैंपियनशिप के पांच साल पहले 2007 में शुरू होने के बाद इसमें कुछ उलटफेर देखने को मिले।
मसलन जिम्बाब्वे ने 2007 में केपटाउन में टूर्नामेंट के दूसरे ही दिन ही आस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर सनसनी फैला दी थी। इसके दो साल हालैंड ने लार्डस में मेजबान इंग्लैंड को चार विकेट से हराकर क्रिकेट प्रेमियों को सन्न कर दिया था जबकि आयरलैंड ने बांग्लादेश को छह विकेट से पराजित करके खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश की थी। इस बार चैंपियनशिप से पहले आयरलैंड बीच में कुछ समय के लिये आईसीसी रैंकिंग में आस्ट्रेलिया से उपर आ गया था। इस पर आस्ट्रेलियाई कप्तान जार्ज बैली ने कहा कि कौन बेहतर है इसका पता टी20 चैंपियनशिप में पता चल जाएगा। आस्ट्रेलिया ने वास्तव में आयरलैंड को सात विकेट से करारी शिकस्त देकर साबित कर दिया कि रैंकिंग असली कहानी बयां नहीं करती।
न्यूजीलैंड ने बांग्लादेश को पहले मैच में 59 रन से हराकर उसकी राह में कांटे बिछा दिये थे। बांग्लादेश ने अनुभवी शाकिब अल हसन की बल्लेबाजी से पाकिस्तान को चुनौती देने की कोशिश की लेकिन उसके गेंदबाजों ने बेहद लचर प्रदर्शन किया और पाकिस्तानी टीम आठ विकेट से आसानी से जीत गयी। अब दुनिया की चोटी की आठ टीमें सुपर आठ में पहुंची हैं। आईसीसी ने चैंपियनशिप से पहले टीमों के लिये वरीयता तय की थी उसके हिसाब से पहले ही सुपर आठ के ग्रुप का निर्धारण कर दिया था।
यह तय था कि यदि कोई उलटफेर नहीं हुआ तो भारत, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान एक ग्रुप में होंगे। अब ये चारों टीमें ग्रुप बी में हैं। संयोग से इन चारों टीमों ने लीग चरण में अपने सभी मैच जीते और अब उनमें से केवल दो ही सेमीफाइनल में जाएंगी। अफगानिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम असली रंग में नहीं दिखी लेकिन इंग्लैंड को उसने कड़ा सबक सिखाया। अब भी हालांकि गेंदबाजी भारत की सबसे बड़ी कमजोरी बनी हुई है। भारत सेमीफाइनल में पहुंच पाता है या नहीं यह काफी हद तक गेंदबाजों पर निर्भर करता है। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पहला मैच दोनों टीमों के लिये काफी महत्वपूर्ण होगा।
न्यूजीलैंड के लिये भी चोकर शब्द का उपयोग किया जा सकता है क्योंकि उसकी टीम वनडे विश्व कप से लेकर टी20 में शुरुआती चरण में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उसे आगे बरकरार रखने में नाकाम रही है। उसकी निगाह पहली बार आईसीसी टूर्नामेंट जीतने पर लगी है। पिछले चैंपियन इंग्लैंड को मध्यक्रम में केविन पीटरसन की कमी खल रही है और उसे इस स्टार बल्लेबाज को बाहर रखने का फैसला महंगा पड़ सकता है। मेजबान श्रीलंका के पास भी पहली बार टी20 चैंपियन बनने का मौका है लेकिन उसके बल्लेबाजों को निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना होगा। रहस्यमयी स्पिनर अजंता मेंडिस पर उसका काफी दारोमदार है। वेस्टइंडीज को भी अपने स्पिनर सुनील नारायण से बहुत उम्मीदें हैं। कप्तान डेरेन सैमी भी मानते हैं कि सुनील ऐसा गेंदबाज है जिसका उपयोग वे किसी भी समय कर सकते हैं। क्रिस गेल की मौजूदगी के कारण टीम की बल्लेबाजी भी मजबूत है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 26, 2012, 15:26