Last Updated: Friday, December 30, 2011, 03:30
मेलबर्न: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने गुरुवार को कहा कि डिजीसन रिब्यू सिस्टम (डीआरएस) पर आश्रित रहने के बजाय मैदान में खड़े अम्पायरों को अपने फैसलों में सटीकता और निरंतरता लानी चाहिए। मेलबर्न में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम को डीआरएस की गैरमौजूदगी का फायदा मिला। पहली पारी में कुछ फैसले भारत के पक्ष में रहे।
माइकल हसी को जहीर खान की गेंद पर कैच आउट दिया गया था लेकिन टेलीविजन रिप्ले से पता चला कि दक्षिण अफ्रीकी अम्पायर माराइस इरासमस ने इसे लेकर गलती की थी। हसी के बल्ले और गेंद के बीच कोई सम्पर्क नहीं हुआ था। इसी तरह अपना पहला टेस्ट खेल रहे एड कोवान के आउट होने के बाद भी अम्पायर के फैसले पर सवाल खड़े किए गए थे।
धोनी ने कहा, इंग्लैंड दौरे से पहले मैं हॉटस्पॉट का प्रशंसक था लेकिन मैं अब इसकी सटीकता को लेकर आश्वस्त नहीं हूं। इसी तरह स्नीकोमीटर को लेकर मेरा मत है। मैं मैदान में खड़े अम्पायरों पर अधिक भरोसा करता हूं लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहूंगा कि लम्बे समय से काम कर रहे अम्पायरों को अपने फैसलों में सटीकता लाने के साथ-साथ इसमें निरंतरता भी लानी होगी। अगर अम्पायर लगातार सही फैसले दे रहे हों तो मुझे कोई परेशानी नहीं है।‘
धोनी की तरह भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने भी डीआरएस की सटीकता पर आशंका जताई है। धौनी ने कहा कि अम्पायरों के फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिए। धौनी ने कहा कि एक गलत फैसले के कारण अम्पायर को शर्मिदा होने या अफसोस करने की जरूरत नहीं। उन्हें हालांकि अपने फैसलों में निरंतरता लानी होगी और साथ ही हमेशा बिना किसी दबाव में फैसला देना होगा। इस क्रम में हमें यह समझना होगा कि अम्पायरों का काम कठिन है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 30, 2011, 09:02