Last Updated: Wednesday, April 3, 2013, 21:19

नई दिल्ली : ड्रग प्रकरण में फंसे ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह को खेल मंत्रालय के दबाव के कारण बुधवार को नाडा अधिकारियों को प्रतियोगिता से इतर डोप परीक्षण देना पड़ा। लगभग एक महीने पहले इस प्रकरण के खुलासे के बाद से ही विजेंदर ने डोप परीक्षण देने से इन्कार कर दिया था।
इस मुक्केबाज के मूत्र और रक्त के नमूनों को बुधवार सुबह लिया गया लेकिन पता चला है कि परीक्षण विशेष रूप से हेरोइन के लिये नहीं होगा। केंद्रीय खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने विजेंदर के डोप परीक्षण देने का खुलासा किया। उन्होंने इस मुक्केबाज को दोषी पाये जाने पर रिहैबिलिटेशन से गुजरने की सलाह भी दी।
मंत्री ने कहा कि नाडा ने बुधवार सुबह विजेंदर के नमूने लिये। विजेंदर और अन्य मुक्केबाजों के रक्त और मूत्र के नमूने लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि मैं कार्रवाई पर कोई फैसला करने से पहले परिणाम का इंतजार करूंगा। मैं कोई कयास नहीं लगाना चाहता। लेकिन यदि विजेंदर ने गलती की है तो निश्चित तौर पर उसे सजा मिलनी चाहिए लेकिन इसके बाद उसका रिहैबिलिटेशन शुरू होना चाहिए। सिंह ने कहा कि हमें यह देखने की जरूरत है कि हमारे खिलाड़ी रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम में भाग लें ताकि भविष्य में वे अच्छा प्रदर्शन कर सकें। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 3, 2013, 20:11