Last Updated: Wednesday, November 28, 2012, 00:13

मुंबई : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने मुंबई में इंग्लैंड के हाथों करारी हार के बावजूद तीसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में बदलाव नहीं करने के राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि फिलहाल इसकी जरूरत नहीं थी। राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने मौजूदा टीम के साथ ही कोलकाता टेस्ट में उतरने का फैसला किया है। बंगाल के तेज गेंदबाज अशोक डिंडा को चोटिल उमेश यादव की जगह टीम में जगह दी गई है। वह स्टैंडबाई थे।
गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, कई ऐसे युवा खिलाड़ी हैं जो टीम का दरवाजा खटखटा रहे हैं। भारत अगर 2 . 0 से आगे होता तो कुछ युवाओं को मौका दे सकता था लेकिन हम आमूलचूल बदलाव नहीं कर सकते, इससे अनिश्चितता पैदा होती है। उन्होंने कहा, हमें स्थिति पर भी ध्यान देना होगा। चयन समिति प्रयोग करने या युवा खिलाड़ियों को मौका देने की इच्छुक नहीं है। पिछले कुछ वषरें से यही स्थिति रही है और इसमें बदलाव नहीं आया है।’’ गावस्कर ने कहा कि भारतीय टीम की सबसे बड़ी मुसीबत आत्ममुग्धता है।
उन्होंने कहा, आत्ममुग्धता भारतीय क्रिकेट की मुसीबत है। दशकों से यह मौजूद है, यह तब भी थी जब मैं खेलता था। इसने हमें हमेशा निराश किया है। जब विरोधी टीम 160 रन पर पांच या छह विकेट गंवा देती है तो हम सहज हो जाते हैं और फिर विकेटकीपर निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ 200 रन जोड़ लेता है। पहले टेस्ट में और यहां :मुंबई में: भी ऐसा ही हुआ। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 28, 2012, 00:13