Last Updated: Saturday, March 23, 2013, 17:35

नई दिल्ली : कयास लगाये जा रहे हैं कि सचिन तेंदुलकर का यह फिरोजशाह कोटला ही नहीं बल्कि भारतीय सरजमीं पर आखिरी टेस्ट मैच हो सकता है और इसलिए मास्टर ब्लास्टर का क्रीज पर उतरने और पवेलियन लौटते वक्त आज यहां बड़ी संख्या में पहुंचे दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। अपना 198वां टेस्ट मैच खेल रहे तेंदुलकर लंच के कुछ देर बाद ही बल्लेबाजी के लिये उतर गये थे। दर्शक दिल्ली के विराट कोहली के आउट होने से निराश थे लेकिन उन्होंने तेंदुलकर के स्वागत के लिये अपनी सीट छोड़ दी और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उनका स्वागत किया।
भारत की बल्लेबाजी आने के कारण लंच के बाद दर्शक काफी संख्या में पहुंच गये थे और उन्होंने तेंदुलकर के हर शाट का भरपूर समर्थन भी किया। कोटला की क्षमता 48 हजार दर्शकों की है और आज लगभग 30 हजार दर्शक स्टेडियम में मौजूद थे जिन्होंने ‘सचिन-सचिन’ की गूंज से माहौल को जीवंत बनाये रखा। तेंदुलकर शुरू में नाथन लियोन की पगबाधा की विश्वसनीय अपील से बचे। उन्होंने चाय के विश्राम के तुरंत बाद पीटर सिडल पर लगातार दो चौके लगाकर दर्शकों को रोमांचित किया। कोटला में हालांकि तब सन्न रह गया जब लियोन की गेंद उनके बल्ले को छकाती हुई पिछले पांव से टकरायी और रिचर्ड केटेलबोरोग की उंगली धीरे से उठ गयी।
स्टेडियम के पवेलियन के करीब स्थित कोने को छोड़कर दर्शकों को सांप सूंघ गया था। केवल आस्ट्रेलियाई दर्शक उछल रहे थे और अपना ध्वज लहरा रहे थे। इससे पहले इस छोर पर भारत और आस्ट्रेलियाई दर्शक एक दूसरे पर छींटाकशी कर रहे थे। पुलिसकर्मियों को उन्हें शांत करने के लिये उन्हें थोड़ी मशक्कत भी करनी पड़ी थी। तेंदुलकर के बड़े भाई और उनके करियर में अहम भूमिका निभाने वाले अजित तेंदुलकर भी मैच देखने के लिये यहां पहुंचे हैं। तेंदुलकर हालांकि अपने भाई के सामने शतक का इंतजार समाप्त नहीं कर पाये। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक पूरा करने वाले तेंदुलकर ने पिछली 37 टेस्ट पारियों से सैकड़ा नहीं जड़ा है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी शतक लगाये एक साल से अधिक समय हो गया है। जहां तक कोटला का सवाल है तो उन्होंने इसी मैदान पर 35वां टेस्ट शतक जड़कर सुनील गावस्कर का रिकार्ड तोड़ा था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 23, 2013, 17:35