दूसरे टीम का मजाक उड़ाना चेन्नई पर भारी पड़ा

दूसरे टीम का मजाक उड़ाना चेन्नई पर भारी पड़ा

नई दिल्ली : जब आईपीएल पांच अपने परवान पर चढ़ रहा था तब चेन्नई सुपरकिंग्स के समर्थकों ने एक चुटीला व्यंग्य तैयार करके कोलकाता नाइटराइडर्स, मुंबई इंडियन्स और राजस्थान रायल्स जैसी टीमों का मजाक उड़ाया था।

इस व्यंग्य में दिखाया गया है कि यदि आईपीएल क्लासरूम होता तो केकेआर ऐसा लड़का होता जो महंगी किताब खरीदता लेकिन उसे पढ़ने का कभी समय नहीं मिलता। मुंबई इंडियन्स ऐसा लड़का होता जो हमेशा परीक्षाओं में अव्वल आता लेकिन आखिरी परीक्षा में फेल हो जाता और चेन्नई सुपरकिंग्स ऐसा लड़का होता जो बमुश्किल सभी परीक्षाओं को पास करता लेकिन फाइनल परीक्षा में अव्वल आता।

आईपीएल पांच में प्लेआफ के लिये बने आखिरी समीकरण और उसके बाद प्लेऑफ के मैचों को देखकर लगा कि वास्तव में यह व्यंग्य फिर से सचाई के करीब फिट बैठता जा रहा है। चेन्नई के 16 मैच में 17 अंक थे तथा माना जा रहा था कि रायल चैलेंजर्स बेंगलूर, किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रायल्स में से कोई भी उससे आगे निकल जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और महेंद्र सिंह धोनी की टीम न दूसरी टीमों की ‘कृपा’ से प्लेआफ में पहुंची और फिर उसने शान से फाइनल में जगह बनायी लेकिन इस बार गौतम गंभीर की अगुवाई वाली केकेआर ने उसे अंतिम परीक्षा में अव्वल नहीं आने दिया। केकेआर की ‘महंगी किताबों’ और ‘सस्ती किताबों’ ने खूब रंग जमाया।

टीम के अहम सदस्य यूसुफ पठान भी गंभीर की कप्तानी के कायल रहे। उनके शब्दों में, पिछले दो साल में गौतम ने जिस तरह से कप्तानी की उससे उनकी तुलना शेन वार्न (राजस्थान रॉयल्स के पूर्व कप्तान) से की जा सकती है। वह खिलाड़ियों का काफी समर्थन करते हैं। वह एक दूसरे की सफलता का आनंद लेते हैं। गंभीर ने टूर्नामेंट में 590 रन बनाये। वह फाइनल में नहीं चले लेकिन सदाबहार जाक कैलिस और कम चर्चित मानविंदर बिस्ला खिताबी जीत के नायक बन गये। चेन्नई ने पिछले दो फाइनल में मुंबई इंडियन्स और रायल चैलेंजर्स बेंगलूर को आसानी से हराया था लेकिन केकेआर के आगे उसकी सारी हेकड़ी निकल गयी। केकेआर की सफलता में उसके लगभग हर खिलाड़ी ने योगदान दिया। उसके लिये वेस्टइंडीज के अनजान खिलाड़ी सुनील नारायण को सात लाख डॉलर में खरीदना बेहतरीन सौदा साबित हुआ।

आखिर उसकी यह ‘महंगी किताब’ ही बाकी टीमों के लिये अबूझ पहेली बनी रही। इस ऑफ स्पिनर की रहस्यमयी गेंदबाजी के आगे दिग्गज भी चित हो गये। नारायण ने 24 विकेट लिये और मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने। उन्होंने कहा, बड़े टूर्नामेंट में आना और अच्छा प्रभाव छोड़ना महत्वपूर्ण होता है।

लक्ष्मीपति बालाजी केकेआर से जुड़ने के बाद काफी हद तक बदले हुए गेंदबाज लग रहे हैं। उनका चोट के कारण फाइनल में नहीं खेलना तमिलनाडु के इस तेज गेंदबाज को ही नहीं बल्कि गंभीर को भी अखरा था। बिस्ला, देबव्रत दास, ब्रेट ली, ब्रैंडन मैकुलम और मनोज तिवारी ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया। बकौल गंभीर, जब भी जरूरत पड़ी हमारे खिलाड़ियों ने तब अच्छा प्रदर्शन किया। हमारी पूरी टीम के प्रयास से हम खिताब जीतने में सफल रहे। यह केकेआर की वही टीम है जो पहले तीन आईपीएल में मैदान से इतर की घटनाओं के कारण चर्चा में रही।

कभी उसकी कमान भारत के सबसे सफल कप्तान सौरव गांगुली के हाथों में हुआ करती थी लेकिन वह इस आईपीएल टीम को सफलता नहीं दिला पाये। केकेआर टूर्नामेंट में टीम के तौर पर खेली और विजयी रही। कोच ट्रेवर बेलिस ने कहा, हम पूरे टूर्नामेंट में टीम के रूप में खेले। टीम के मालिक शाहरूख खान ने भी कहा कि यह सभी खिलाड़ियों की जीत है। उन्होंने कहा, मैं गौतम और उनके खिलाड़ियों का आभार व्यक्त करता हूं। (एजेंसी)

First Published: Monday, May 28, 2012, 16:22

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