Last Updated: Saturday, January 26, 2013, 12:14

नई दिल्ली: महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ और ओलंपिक कांस्य पदकधारी महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकाम को प्रतिष्ठित पदम भूषण पुरस्कार के लिये चुना गया जबकि छह अन्य खिलाड़ी पदक श्री पुरस्कार की सूची में शामिल हैं।
पिछले साल के शुरू में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संन्यास की घोषणा करने वाले भारतीय ‘दीवार’ के नाम से मशहूर 40 वर्षीय द्रविड़ ने करीब 25,000 रन बनाये हैं।
द्रविड़ और मैरीकाम के अलावा छह अन्य खिलाड़ी पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल, पहलवान योगेश्वर दत्त, पराएथलीट एच एस गिरिशा, लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले निशानेबाज विजय कुमार, मुक्केबाज एन डिंको सिंह और नौकाचालक बजरंग लाल ताखड़ को पदक श्री पुरस्कार के लिये चुना गया।
पूर्व भारतीय कप्तान द्रविड़ ने 52.31 के औसत से 164 टेस्ट में 13,288 रन जबकि 344 वनडे में 39.16 के औसत से 10,889 रन बनाये हैं।
द्रविड़ इस सू़ची में एकमात्र क्रिकेटर हैं जो सचिन तेंदुलकर (15,645) और आस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग (13,378) के बाद टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं।
मैरीकाम लंदन में 51 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली महिला मुक्केबाज हैं। यह 29 वर्षीय मणिपुरी मुक्केबाज पांच बार की विश्व चैम्पियन भी है। इस महिला मुक्केबाज ने छह विश्व चैम्पियनशिप में प्रत्येक में पदक अपने नाम किया है।
मैरीकाम ने कहा कि मैं हैरान हूं कि मुझे यह पुरस्कार मिला क्योंकि मेरा नाम इसमें नहीं था। इस पुरस्कार के लिये मेरे नाम पर विचार किया जाना, यह मेरे लिये बड़ा सम्मान है। इसमें कोई शक नहीं कि यह मेरे लिये गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि हालांकि भारतीय मुक्केबाजी मुश्किल दौर से गुजर रही है, व्यक्तिगत रूप से यह मेरे लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है। सरकार ने 2012 लंदन ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की उपलब्धियों को देखते हुए निशानेबाज विजय कुमार और पहलवान योगेश्वर को पदम श्री के लिये चुना।
सत्ताईस वर्षीय विजय ने निशानेबाजी स्पर्धा में 25 मी रैपिड फायर पिस्टल में रजत पदक जीता था जबकि 30 वर्षीय योगेश्वर ने 60 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया था। योगेश्वर ने 2003 राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
पहलवान सुशील कुमार ने लगातार ओलंपिक पदक जीतकर इतिहास रच दिया था, लेकिन उनके नाम पर इसलिये विचार नहीं किया गया क्योंकि उन्हें 2011 में पदम श्री और 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न मिल चुका है।
विजय कुमार हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के बरसर गांव से हैं और भारतीय सेना की डोगरा रेजीमेंट (16वीं बटालियन) में सूबेदार मेजर हैं। वह 2003 से महू में हैं और रूसी कोच पावेल स्मिरनोव कोचिंग ले रहे थे।
पर्वतारोही प्रेमलता मई 2011 में 48 वर्ष की उम्र में दुनिया की सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट (29,029 फीट) फतह करने वाली सबसे उम्रदराज भारतीय महिला बनी थीं जिससे उनका नाम लिम्का बुक आफ रिकार्डस में दर्ज हो गया। वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली झारखंड की पहली पर्वतारोही भी हैं।
परा एथलीट गिरिशा ने लंदन परालंपिक खेलों में पुरूषों की उंची कूद के फाइनल में 1.74 मी की कूद लगायी थी और रजत पदक जीता था। वह इस परालंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। वह परालंपिक में भारत के नौंवे पदकधारी और रजत पदक जीतने वाले तीसरे परा एथलीट हैं। मणिपुर के मुक्केबाज डिंको सिंह ने 1998 बैंकाक एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और 1997 में बैंकाक में किंग्स कप जीता था।
बजरंग लाल ताखड़ ने ग्वांग्झू 2010 एशियाई खेलों में भारत के लिये पहला व्यक्तिगत नौकायान स्वर्ण पदक जीता था। ताखड़ भारतीय सेना में राजपूताना राइफल्स रेजीमेंट में नायब सूबेदार हैं।
उन्होंने दोहा में 2006 एशियाई खेलों में भारत के लिये पहला व्यक्तिगत नौकायान रजत पदक जीता था। उन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में भी पुरूष एकल स्कल नौकायान में भाग लिया था लेकिन फाइनल्स में नहीं पहुंच सके थे।
उन्होंने 2007 में कोरिया में एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। वह दक्षिण एशियाई खेल 2006 में एकल और युगल स्कल रेस में दो स्वर्ण जीत चुके हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 25, 2013, 23:27