Last Updated: Wednesday, November 16, 2011, 09:59
लंदन : आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई के पूर्व प्रमुख पाल कोंडन ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि नब्बे के दशक में हर टीम मैच फिक्सिंग में शामिल थी। कोंडन ने कहा कि मैच फिक्सिंग सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सीमित नहीं थी। उन्होंने इवनिंग स्टैंडर्ड से कहा कि नब्बे के दशक के आखिर में टेस्ट और विश्व कप मैच नियमित तौर पर फिक्स होते थे।
अस्सी के दशक के आखिर से लेकर 1999 और 2000 तक कई टीमें फिक्सिंग में शामिल थी। फिक्सिंग सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सीमित नहीं थी। उन्होंने कहा कि हर अंतरराष्ट्रीय टीम ने कभी ना कभी कुछ ऐसा किया है ।
कंडोन ने कहा कि उस दौर के खिलाड़ियों को बखूबी पता था कि क्या हो रहा है लेकिन वे चुप्पी साधे रहे। उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक के आखिर में क्रिकेट खेलने वाली पूरी पीढी को पता था कि क्या हो रहा है लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। जब वे अपने कैरियर को देखते होंगे तो शर्म जरूर आती होगी। आखिरी बार पूरे मैचों या श्रृंखला में फिक्सिंग 2001 में देखी गई जब हम सक्रिय होना शुरू हुए थे।
कोंडन ने दावा किया कि यह ब्रिटेन से शुरू हुआ जिसमें काउंटी टीमें दोस्ताना लीग फिक्स कर लेती थी लेकिन यह पैसे के लिए नहीं होता था। उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन में पुरानी संडे लीग में फिक्सिंग से शुरू हुआ। पूरे सप्ताह काउंटी टीमें काउंटी मैच खेलती थी और रविवार को लीग मैच होता था।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 16, 2011, 15:29