Last Updated: Monday, December 10, 2012, 13:41

कराची : आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष एहसान मनी ने भारत दौरे पर रजामंदी जताने के लिये पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की आलोचना की है। मनी ने ‘पाकपेशन डाट नेट’ को दिये इंटरव्यू में कहा, मुझे लगता है कि पीसीबी ने ऐसा करके गलती की है। यदि यह सियासी फैसला था तो पीसीबी को चाहिये था कि वह राजनीतिज्ञों से यह सुनिश्चित करने को कहे कि भारत भी पाकिसतन के खिलाफ खेलेगा। चाहे वह तटस्थ स्थान पर ही क्यों ना खेले। आईसीसी में पाकिस्तान के प्रतिनिधि रहने के बाद 2003 में अध्यक्ष बने मनी ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि जब भारत दो बार पाकिस्तान दौरा रद्द कर चुका है तो पाकिस्तानी टीम वहां जाने पर राजी क्यो हो गई।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि पाकिस्तानी टीम को भारत कतई नहीं जाना चाहिये। मुंबई हमले के बाद बीसीसीआई ने आईसीसी में पाकिस्तान केा अलग थलग करने के लिये सारे हथकंडे आजमाये थे। मनी ने कहा कि बीसीसीआई को पता है कि पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार करके वे पीसीबी को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं ।
उन्होंने कहा, इस संक्षिप्त श्रृंखला से बीसीसीआई को 10 करोड़ डालर से अधिक कमाई होगी। हम भारत को पैसा बनाने में मदद कर रहे हैं जबकि उनके दौरे की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि इस दौरे से पाकिस्तान का कुछ भला होगा। मैं तो इसके पक्ष में नहीं हूं।
मनी ने पीसीबी के संचालन के तरीकों पर भी आपत्ति जताई । उन्होंने कहा, पाकिस्तान में क्रिकेट का सबसे बड़ा हिस्सा क्रिकेट संघ और पीसीबी के सदस्य हैं लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट के संचालन में उनकी कोई भूमिका नहीं है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा उन पर अध्यक्ष थोपा जाता है जिसकी बाकी सहभागियों के प्रति कोई जवाबदेही नहीं होती। मनी ने कहा कि जब जवाबदेही नहीं होती तो पीसीबी अध्यक्ष अपने फायदे के लिये काम करने लगता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 10, 2012, 13:22