पुणे टीम को समर्थन जारी रखेंगे: सहारा - Zee News हिंदी

पुणे टीम को समर्थन जारी रखेंगे: सहारा



नई दिल्ली : सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने मंगलवार को कहा कि जहां तक इंडियन प्रीमियर लीग की पुणे वारियर्स टीम का सवाल है तो वह बीसीसीआई के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। राय ने हालांकि साफ किया कि उनका समूह अब भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजन में दिलचस्पी नहीं रखता।

 

सहारा ने पिछले हफ्ते बीसीसीआई के साथ 11 साल पुराना वित्तीय रिश्ता तोड़ दिया और आईपीएल नीलामी से भी हट गया। समूह ने आरोप लगाया था कि क्रिकेट बोर्ड उसकी वास्तविक शिकायतों पर भी विचार नहीं कर रहा।
यह पूछने पर कि क्या वे आईपीएल के इस सत्र में पुणे वारियर्स के साथ जुड़े रहना पसंद करेंगे, राय ने एक टीवी चैनल से कहा कि अगर सचमुच जरूरत पड़ी तो मैं इसके बारे में कभी दोबारा नहीं सोचूंगा। हालांकि पुणे टीम को समर्थन जारी रखेंगे।

 

उन्होंने कहा कि फिलहाल मेरे दिमाग में यह सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुझे नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा, कुछ भी हो सकता है। लेकिन यह निश्चित है कि खिलाड़ियों को खेलना चाहिए, दूसरा पुणे के लोग वहां पहले टूर्नामेंट को लेकर काफी उत्साहित थे। इसे वहां रहना चाहिए, यह होना चाहिए।

 

राय ने कहा कि हमें कोई ना कोई रास्ता निकालना होगा। इसे लेकर हमने काफी लचीलापन अपना रखा है और मुझे पूरा भरोसा है कि जब हम बैठकर बात करेंगे तो सौहार्दपूर्ण तरीके से अच्छा हल निकाल लेंगे जिससे कि ये चीजें दोबारा नहीं हों। मैं शुरूआत से ही कहता आया हूं कि मेरी पहली चिंता मेरी टीम है और उन्हें इस टूर्नामेंट में खेलना चाहिए।’ यह बयान उस समय आया है जब एक दिन पहले बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने कहा था कि बोर्ड सहारा के साथ बातचीत के लिए तैयार है और विवादास्पद मुद्दों का हल निकालने का इच्छुक है।

 

राय ने दोहराया, ‘मेरी पहली चिंता है कि हमारे खिलाड़ी इस साल आईपीएल खेलने से वंचित नहीं रहें। मैं बीसीसीआई से पहले ही आग्रह कर चुका हूं कि उन्हें जल्द से जल्द किसी टीम में डाल दिया जाए जिससे कि वे इस आईपीएल में खेल पाएं। मैं नहीं चाहता कि बीसीसीआई और हमारी टीम किसी भी तरह की समस्या में घिरे। मुझे पूरा भरोसा है कि जब हम बैठेंगे तो कोई अच्छा हल निकाल लेंगे।

 

बीसीसीआई के साथ दोबारा रिश्ता जोड़ने के बारे में पूछने पर राय ने कहा कि फिलहाल मैं कुछ नहीं कह सकता। हमें एक चीज को सराहना होगा कि हम पहले ही काफी बड़े स्तर पर सामाजिक कार्यों की घोषणा कर चुके हैं जिसमें खेल का विकास भी शामिल है और इससे करोड़ों रुपये जुड़े हैं। सहारा की सबसे बड़ी शिकायत यह थी कि बीसीसीआई ने उनके शीर्ष खिलाड़ी युवराज सिंह की कीमत को नीलामी के दौरान उनकी कुल राशि में जोड़ने के फ्रेंचाइजी के आग्रह को ठुकरा दिया। युवराज फिलहाल फेफड़ों के घातक ट्यूमर के लिए अमेरिका में कीमोथेरेपी करा रहे हैं।

 

राय ने कहा कि आज युवराज की गैरमौजूदगी में हमारे पास भारत के शीर्ष 12 या 15 खिलाड़ियों में से एक भी नहीं है और हमें उनमें से सात को मैदान पर उतारना है। कुछ टीमों के पास ऐसे चार से पांच खिलाड़ी हैं। पिछली बार 16 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को पुरानी टीमों ने बरकरार रखा और हमारे पास कोई नहीं था, किसी तरह युवराज हमारे साथ रहा। हमारी टीम (रविंद्र) जडेजा को चाहती थी लेकिन कोई सुन ही नहीं रहा था।

 

यह पूछने पर कि क्या आईपीएल नीलामी दोबारा होगी, राय ने कहा कि ऐसी किसी भी बातचीत को मैं स्वीकार करूंगा लेकिन मुझे दो बार सोचना होगा। मैं संभवत: ऐसा नहीं कर पाउं क्योंकि मैं पहले ही इस पैसे से बड़े पैमाने पर सामाजिक कार्य की घोषणा कर चुका हूं और मैं अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हट सकता। श्रीनिवासन के साथ हितों के टकराव पर राय ने कहा, ‘मुझे इस पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। लेकिन मिस्टर श्रीनिवासन ने कहा कि उन्हें यह सुनकर दुख है कि मैं हटना चाहता हूं। उनके पास एक टीम है और इसलिए उन्होंने कहा कि वह इन फैसलों और चर्चाओं से दूर हैं। मुझे यह समझ में नहीं आया कि उन्होंने कहा कि उनकी टीम है, उन्हें इस चीजों में शामिल नहीं होना चाहिए। लेकिन वह बीसीसीआई अध्यक्ष भी हैं। उन्हें खुद को शामिल करना होगा।

 

सुब्रत राय ने साथ ही कहा कि उन्होंने बीसीसीआई से वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक मुद्दे पर ही नहीं बल्कि कई मुद्दों पर उन्होंने हमें कम से कम सम्मान भी नहीं दिया जिसके हम हकदार थे।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 8, 2012, 00:17

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