Last Updated: Tuesday, August 14, 2012, 19:13

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाले बल्लेबाज मनोज तिवारी ने ने लंबे इंतजार के बाद अंतिम एकादश में खेलने का मौका भुनाने में कोई गलती नहीं की है।
तिवारी ने लगातार 14 मैचों में बाहर बैठने के बाद चेन्नई में पिछले साल नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने कैरियर का पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ा।
श्रीलंका दौरे पर दो वनडे में अर्धशतक जड़ने के अलावा चार विकेट चटकाने वाले तिवारी ने कहा, मैंने एक चीज सीखी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए मुझे प्रत्येक मैच को अपना अंतिम मौका मानना होगा। फिर ये मौका चाहे गेंद से मिले या बल्ले से, मुझे प्रदर्शन करना होगा।
उन्होंने कहा, अगर मैं यह कहूंगा कि मुझ पर कोई दबाव नहीं था तो मैं झूठ बोलूंगा। अगर आप लंबे समय तक बाहर बैठते हो तो आपको दबाव महसूस होने लगता है। लेकिन साथ ही मुझे पता था कि मेरे अंदर बड़े मंच पर प्रदर्शन करने का धैर्य और विश्वास है।
विश्व टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम में शामिल तिवारी ने कहा, मुझे पता है कि अगर मुझे बल्ले या गेंद से मौका नहीं मिला तो भी मैं अपने क्षेत्ररक्षण से 12 से 15 रन बचा लूंगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 14, 2012, 09:40