Last Updated: Friday, August 31, 2012, 22:02
नई दिल्ली : प्रबल दावेदार कैमरून ने अपनी फीफा रैंकिंग के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए आज यहां नेहरू कप फुटबाल टूर्नामेंट के अंतिम लीग मैच में गत चैम्पियन भारत को 1-0 से शिकस्त दी। अब दोनों टीमें रविवार को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में होने वाले पांच देशों के आमंत्रण टूर्नामेंट के फाइनल में एक दूसरे के आमने-सामने होंगी। दोनों टीमों की फीफा रैंकिंग में काफी अंतर (कैमरून 59वें और भारत 168वें स्थान पर) है। भारतीय टीम खिताबी हैट्रिक पूरी करने की कोशिश करेगी। उसने अम्बेडकर स्टेडियम में 2007 और 2009 में नेहरू कप अपने नाम किया था।
कैमरून के तेज तर्रार और गठीले फुटबॉलरों ने भारत की तुलना में कहीं बेहतर खेल दिखाया लेकिन इस औपचारिक मैच के कारण वे मैदान पर उतने आक्रामक नहीं दिखे क्योंकि दोनों टीमें पहले ही फाइनल में जगह पक्की कर चुकी थी और इसका परिणाम कोई मायने नहीं रखता। कैमरून के ‘मैन आफ द मैच’ बाइट सैमुअल ने दूसरे ही मिनट में आसानी से अनुभवी डिफेंडर गौरमांगी सिंह को पछाड़ते हुए गोल कर दिया जिससे भारतीयों पर निश्चित रूप से दबाव बढ़ गया था। 10वें मिनट में मननदीप सिंह कैमरून के गोल के काफी करीब पहुंच गए थे लेकिन इसे गोल में तब्दील नहीं कर सके।
भारतीयों के लिए 39वां मिनट काफी निराशाजनक रहा क्योंकि इसमें रैफरी ने कैमरून को पेनल्टी किक भेंट स्वरूप दे दी, चार्ल्स इलोनडोउ फुटबॉल लेकर आगे बढ़ रहे थे और सैयद रहीम नबी ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिसे रैफरी ने जान-बूझकर गिराने की कोशिश माना और अफ्रीकी देश को पेनल्टी दे दी, हालांकि गोलकीपर करणजीत सिंह ने इसका अच्छा बचाव किया और इमैनुएल बर्टिन पेनल्टी पर गोल करने से चूक गए।
पहले हाफ में कैमरून ने दो कार्नर हासिल किए जबकि भारतीय टीम एक अच्छे शॉट के अलावा अन्य कोई अहम प्रयास नहीं कर सकी। फुटबॉल कब्जाने के मामले में भी कैमरून मेजबान टीम से आगे ही थी। दूसरे हाफ में भारतीयों ने शुरू से ही अच्छी कोशिश की जिसमें मननदीप के क्रास पर संजू प्रधान ने 46वें मिनट में अच्छा मौका गंवाया। लेकिन मेजबान टीम को 54वें मिनट में बराबरी का बेहतरीन मौका डिफेंडर सैयद रहीम नबी ने कार्नर किक से दिलाया। लेकिन वह खुद ही संजू प्रधान के किक पर हेडर शाट को गोल में नहीं पहुंचा सके।
भारतीय कोच किम कोवरमैन्स ने इस ‘ड्रेस रिहर्सल’ वाले मुकाबले के लिए ‘बेंच स्ट्रेंथ’ को आजमाते हुए शुरुआती एकादश में पांच बदलाव किये जिसमें कप्तान और स्टार स्ट्राइकर सुनील छेत्री और गोलकीपर सुब्रत पॉल को भी बेंच पर बिठाया। अनुभवी डिफेंडर गौरमांगी सिंह को कप्तानी जबकि करणजीत सिंह को गोलकीपिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई और मुख्य स्ट्राइकर के रूप में मननदीप सिंह को उतारा गया। डिफेंडर गुरविंदर सिंह और मिडफील्डर ज्वेल राजा शेख भी शुरुआती एकादश में शामिल थे।
लेकिन भारत ने 66वें मिनट में स्ट्राइकर मननजीत सिंह की जगह रोबिन सिंह को उतारा। कैमरून के गोलकीपर होसिया एनकेस्सी के लिए ज्यादा परेशानियां नहीं हुई क्योंकि ज्यादातर खेल भारतीय खेमे में ही हुआ, हालांकि ‘गेंद पास’ करने के मामले में भारतीयों ने ठीक प्रदर्शन किया। पर अगर उन्हें दो सितंबर को खिताब अपने नाम करना है तो इससे कहीं आक्रामक खेल दिखाना होगा। दोनों टीमें पहले ही सात-सात अंक के साथ फाइनल में अपना स्थान पक्का कर चुकी थीं लेकिन आज की जीत से कैमरून के खाते में 10 अंक हो गये। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 31, 2012, 22:02