Last Updated: Saturday, February 25, 2012, 08:49
नई दिल्ली: दिल्ली के मेजर ध्यानंचद नेशनल स्टेडियम में जारी हीरो एफआईएच रोड टू लंदन क्वालीफायर टूर्नामेंट का फाइनल रविवार को भारत और फ्रांस की टीमों के बीच खेला जाएगा। भारत ने पूल वर्ग में सभी मैच जीतकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई है जबकि फ्रांस को भारत के हाथों पोलैंड की हार के बाद तोहफे में फाइनल खेलना नसीब हुआ है। खिताबी मुकाबला जीतने वाली टीम को जुलाई-अगस्त में लंदन ओलम्पिक खेलने का मौका मिलेगा।
भारत ने शुक्रवार को अपने पांचवें पूल मैच में पोलैंड को 4-2 से मात दी थी। इस हार के बाद पोलैंड को निराशा झेलनी पड़ी जबकि फ्रांस ने 10 अंकों के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। फ्रांस ने अपने पांचवें पूल मैच में कनाडा को -1 की बराबरी पर रोकते हुए फाइनल में पहुंचने की उम्मीद बरकरार रखी थी लेकिन उसकी किस्मत भारत तथा पोलैंड के बीच होने वाले मुकाबले के परिणाम पर टिकी थी।
पोलैंड की हार की सूरत में फ्रांस का रास्ता साफ होता। पोलैंड अगर जीत जाता या फिर यह मुकाला ड्रॉ हो गया होता तो फ्रांस को बाहर का रास्ता देखना पड़ता। पूल वर्ग में भारत और फ्रांस एक बार भिड़ चुके हैं, जिसमें भारत ने उसे 6-2 से हराया था। उस मैच में ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह ने तीन गोल किए थे।
फ्रांस ने पूल स्तर पर पांच में से तीन मैच जीते हैं जबकि एक में उसकी हार हुई है। दूसरी ओर, भारत ने अपने सभी मैच जीते हैं। फ्रांस ने पहले मैच में पोलैंड को 2-1 से हराया था जबकि भारत ने पहले मैच में सिंगापुर को 15-1 से मात देकर जोरदार शुरुआत की थी।
इसके बाद फ्रांस ने सिंगापुर को 9-0 से हराकर अपनी ताकत का परिचय दिया था जबकि भारत ने अपने दूसरे मैच में इटली को 8-1 से हराया था। तीसरे मैच में फ्रांस को भारत के हाथों हार मिली थी।
चौथे मुकाबले में फ्रांस ने इटली को 3-0 से हराया था। भारत ने अपने चौथे मैच में कनाडा को 3-2 से हराया था। अंतिम पूल मैच में फ्रांस ने कनाडा के साथ 1-1 से ड्रॉ खेला था। इसके बाद उसका फाइनल में पहुंचना अधर में पड़ गया था लेकिन भारत के हाथों पोलैंड की हार के बाद वह फाइनल में पहुंच गया।
विश्व वरीयता क्रम में भारत को 10वां और फ्रांस को 18वां स्थान प्राप्त है। दोनों में दमखम के लिहाज से काफी अंतर है लेकिन फ्रांसीसी टीम ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने की खातिर अपना पूरा दमखम झोंकना चाहेगी और भारत को उसकी ओर से होने वाले पलटवार से सावधान रहना होगा।
फ्रांसीसी टीम यह मैच जीतकर और ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करके अपनी टीम में शामिल तीन भाइयो-टॉम, ह्यूगो और मार्टिन जेनेस्टेट के मरहूम पिता को श्रद्धांजली देना चाहेगी, जिनका निधन गुरुवार को हो गया था। इसके बावजूद जेनेस्टेट भाइयों ने कनाडा के खिलाफ अहम मुकाबले में हिस्सा लिया था। इस बात का खुलासा मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में हुआ।
भारत को जीत के लिए मुख्य रूप से पेनाल्टी कॉर्नर की सफलता पर आश्रित रहना होगा। इसमें संदीप की अहम भूमिका होगी, जो कि पेनाल्टी कॉर्नर के माध्यम से इस टूर्नामेंट में सबसे अधिक गोल करते हुए भारत के शानदार सफर के नायक के तौर पर उभरे हैं।
पोलैंड के खिलाफ भारत ने पांच पेनाल्टी कॉर्नर बेकार किए थे। कप्तान भरत छेत्री ने स्वीकार किया था कि पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने की उनकी टीम का प्रतिशत निराशाजनक रहा लेकिन फ्रांस के खिलाफ वह इसमें सुधार लाने का प्रयास करेगी। छेत्री खेल के अन्य विभाग से खुश नजर आए और फ्रांस के खिलाफ जीत का भरोसा जताया।
शुक्रवार को खेले गए भारत के दोनों मैचों (महिला एवं पुरूष) के दौरान बीते दिनों की तुलना में काफी अधिक दर्शकों ने नेशनल स्टेडियम का रुख किया। पुरुष टीम का फाइनल रात आठ बजे से खेला जाएगा और उम्मीद है कि इस टूर्नामेंट के लिहाज से दर्शकों का पुराना रिकॉर्ड टूट जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, February 25, 2012, 14:19