भाई के जूतों से खेलती थी महिला हॉकी कप्तान - Zee News हिंदी

भाई के जूतों से खेलती थी महिला हॉकी कप्तान

रांची : भारतीय महिला हाकी टीम की कप्तान असुंता लाकड़ा ने जब एस्ट्रोटर्फ मैदान पर अपने भाई बिमल लाकड़ा के पुराने जूते पहनकर अभ्यास किया था तो तब उन्होंने सोचा नहीं था कि वह भी एक दिन अपने भाई के नक्शेकदम पर चलने में सफल रहेगी।

 

असुंता ने कहा, ‘मैं अपने भाई बिमल के पुराने जूते लेकर अऊयास करती थी। एस्ट्रोटर्फ मैदान पर अच्छे जूतों के बिना चोट लग सकती है। अच्छे जूते खरीदने की बात तो दूर रही उन दिनों नियमित रूप से हास्टल की फीस देना भी मुश्किल होता था। तब जूतों की कीमत लगभग 1000 रुपये हुआ करती थी।’

 

असुंता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाकी खेलने वाले अपने भाईयों बिमल और बीरेंद्र को अपना प्रेरणास्रोत बताया। उनका भारत की तरफ से पदार्पण शानदार रहा। वह भारत की जिस अंडर-18 टीम का हिस्सा थी उसने 2000 में एशिया कप जीता था। इसके 11 साल बाद वह वास्तव में अपने भाईयों के नक्शेकदम पर चलने में सफल रही और कप्तान बनकर उनसे एक कदम आगे निकल गई।

First Published: Sunday, January 1, 2012, 19:18

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