Last Updated: Thursday, July 18, 2013, 14:56

नई दिल्ली : उड़नसिख मिल्खा सिंह ने देश में खेलों के प्रशिक्षण के प्रति उदासीनता पर चिंता व्यक्त करते हुए गुरुवार को कहा कि अब समय आ गया है जबकि देश को एक नहीं बल्कि हजारों मिल्खा सिंह और पीटी उषा चाहिए। मिल्खा ने कहा कि जमैका में एक उसैन बोल्ट हुआ और आज दुनिया जमैका को उसैन बोल्ट के नाम से जानती है। हमें भी एक नहीं हजारों मिल्खा सिंह चाहिए। हमें एक नहीं हजारों पीटी उषा चाहिए। हमारे पास प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन जरूरत उसे निखारने की है।
उन्होंने ‘रेस्पेक्ट एएसआईसीएस स्कूल खेल चैंपियनशिप’ के शुरूआत के अवसर पर कहा कि केवल टूर्नामेंट के आयोजन से देश में खेल का विकास नहीं होगा बल्कि इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को आगे भी मौके दिये जाने चाहिए। रोम ओलंपिक 1960 में 400 मीटर की दौड़ में चौथे स्थान पर रहे मिल्खा ने कहा कि एक बार टूर्नामेंट हो जाता है और बच्चे अपने घर चले जाते हैं। उसके बाद उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं होता है। ऐसे में देश में खेल का विकास नहीं होगा। हमारे यहां खेल अकादमियां होनी चाहिए। वहां उच्चस्तरीय कोच रखे जाने चाहिए जो लगातार खिलाड़ी की प्रगति पर गौर करें।
उन्होंने कहा कि मेरा साई से भी अनुरोध है कि वह ऐसे कोचों को तरजीह दे जो परिणाम दें। कोच का फर्ज है कि वह खिलाड़ियों को रिकार्ड तोड़ने के लिये प्रेरित करे। यदि सिर्फ खेल प्रतियोगिताएं होती रही और अच्छे प्रशिक्षण पर ध्यान नहीं दिया गया तो खेलों का विकास नहीं हो पाएगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 18, 2013, 14:56